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बसासत हुई दोगुनी, नहीं खिसकी एक इंच सीमा

By Edited By: Published: Sun, 24 Aug 2014 10:44 PM (IST)Updated: Sun, 24 Aug 2014 10:44 PM (IST)

::::: विस्तारीकरण :::::

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= दिन दूना रात चौगुना हो रहा अवैज्ञानिक निर्माण, खतरे भी बढ़े

= अंतिम बार सन् 1954 में हुआ था पालिका का सीमांकन

= परिस्थितियां बदलने के बावजूद नहीं ली जा रही सुध

फोटो- 23 एएलएमपी 3

परिचय- लोअर माल रोड से लगे ग्रामीण हिस्से में फैले अल्मोड़ा का एक नमूना। जागरण

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : कभी सीमित आबादी वाला प्राचीन पर्वतीय नगर अल्मोड़ा में बसासत इस कदर बढ़ी कि आज जमीन मिलना आसान नहीं रहा। दो दशक में ही इसकी आबादी में दो गुना इजाफा होने का अनुमान है। हद यह है कि दशकों बीत गए, मगर दरकार के बावजूद पालिका की सीमा जरा भी नहीं बढ़ पाई। जिससे मास्टर प्लान के बगैर नगर का बेतरतीब व अवैज्ञानिक विस्तार हुआ। एक बारगी पूर्व में ऐसी कोशिश हुई भी तो, वह सफल नहीं हो पाई।

कभी बेहद कम बसासत वाली सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा वर्तमान में चौतरफा एक बड़े हिस्से में फैल गया है। पालिका सीमा से सटे ग्रामीण हिस्से भी अब कंकरीट के जंगल में तब्दील हो गए। शैक्षिक व राजनैतिक क्षेत्र में अग्रणी समझे जाने वाले इस शहर में जुटी रिहायसी भीड़ से क्षेत्रफल की दृष्टि से दोगुने क्षेत्र में विस्तार ले लिया है। मगर अवैज्ञानिक व बगैर मास्टर प्लान के हो रही बसासत भविष्य में सुरक्षा का प्रश्न भी खड़ा कर रहा है। पालिका सीमा के अंदर भी सड़कें, रास्ते व भूमि सिकुड़ गई। हालत यह है कि नगर के अंदर तो क्या उसके इर्द-गिर्द भी जमीन उपलब्ध होना आसान नहीं रहा, जहां है भी वहां इसके दाम आसमान छू रहे हैं। दरअसल शहरीकरण के दौर में गांवों से लोग शहर में शिफ्ट हुए। उसी का यह परिणाम है।

ऐसे में दरकार के बावजूद न तो शहर के लिए कोई मास्टर प्लान अस्तित्व में आ सका और न ही पालिका सीमा बढ़ सकी। इसके लिए ठोस कदम नहीं उठ सके, जबकि अतिवृष्टि व भूकंप की दृष्टि से नगर संवेदनशील जोन में है। पूर्व में एक बारगी तत्कालीन पालिकाध्यक्ष स्व. विजय जोशी कुछ हिस्सों को पालिका में मर्ज करने की कोशिश की, तो कोशिश विरोध से दब गई। सीमा बढ़ती तो उसी अनुपात में अनुदान व अन्य सरकारी योजनाओं का शहर को लाभ मिलता, मगर यह नहीं हो पा रहा। अब अनुदान व योजनाएं कागजों में दर्ज पुराने मानक पर मिलता है और उसी से दोगुनी आबादी के हित साधने हैं।

::::: इनसेट-1 :::::::

नगर स्थिति : एक नजर

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पालिका का स्थापना वर्ष - सन् 1868

अंतिम बार सीमांकन - सन् 1954

पालिका सीमा क्षेत्र - 7.35 वर्ग किमी

पालिका की जनसंख्या - 34,125

(वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार)

विस्तार की दृष्टि से क्षेत्रफल - लगभग 15 से 20 वर्ग किमी

विस्तार की दृष्टि से आबादी - अनुमानित 60 हजार

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:::::: इंसेट-2 :::::::

कहां-कहां फैला शहर

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उत्तर में = पपरसली, पांडेखोला, शैल क्षेत्र।

दक्षिण में = खगमरा, कर्बला व खत्याड़ी क्षेत्र।

पूर्व में = मकीड़ी व बख क्षेत्र।

पश्चिम में = भनार, सरकार की आली, न्यू इंदिरा कालोनी।

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::::: बाक्स :::::::

पालिका सीमा बढ़ाने की जरूरत: जोशी

अल्मोड़ा: नगर पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी का पालिका सीमा बढ़ाने के मामले में कहना है कि नगर का पालिका सीमा से बाहर हाल के वर्षो में अत्यधिक विस्तार हुआ है। भविष्य में यह नगर पहाड़ का पहला महानगर भी बन सकता है। अवस्थापना सुविधाएं बढ़ेंगी। ऐसे में पालिका सीमा का विस्तार होना चाहिए। हालांकि इस मामले में पालिका विस्तृत क्षेत्र के आंकड़े जुटा रही है और सीमा बढ़ाने की पहल करेगी। इसके लिए आपत्तियां भी मांगी जाएंगी।


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