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जल संस्थान बौना, जनता त्रस्त, प्रशासन मस्त

By Edited By: Published: Tue, 29 Jul 2014 09:37 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jul 2014 09:37 PM (IST)

:::::हाय पानी::::

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= मंगलवार को भी नगर में बाधित जलापूर्ति ने रुलाया

= मोहल्ले से लगातार उठ रही शिकायतें, इंतजाम ढीले

= जिला प्रशासन का खौफ नहीं, बड़े नेता भी चुप

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: नगर में दो सप्ताह बाद भी पेयजलापूर्ति ढर्रे पर नहीं आ सकी। इसे ढर्रे पर लाने में जल संस्थान बौना साबित हो रहा है। जहां एक ओर जनता कई दिनों से पेयजल संकट से जूझ रही है, वहीं समस्या पर जिला प्रशासन ने ऐसी चुप्पी साधी है, जैसे हार मान घुटने टेक लिये हों। हालात यह है कि जनता त्रस्त और प्रशासन मस्त। सत्तारूढ़ दल के बड़े नेता भी समस्या को लेकर अंजान से बने हैं।

जब से बारिश का क्रम शुरू हुआ, तब से नगर की जलापूर्ति व्यवस्था दम तोड़ती जा रही है। कभी पूरे नगर की सप्लाई ठप, कभी आधा हिस्सा पानी को तरसा, तो कभी इधर, कभी उधर मोहल्लों में संकट। कहीं पेयजलापूर्ति हो भी रही है, तो अपर्याप्त। करीब दो सप्ताह से पूर्व से नगर की एक लाख की आबादी संकट से जूझ रही है। हर रोज समस्या उठाई जा रही है। नगर को पानी पिलाने का जिम्मा संभाले जल संस्थान योजना के मूल में सिल्ट भरने या बिजली आपूर्ति में गड़बड़ी बताकर पल्ला झाड़ते आ रहा है। मगर समस्या का स्थाई समाधान एक सपना बन गया है। मंगलवार को भी नगर के कुछ मोहल्लों में जलापूर्ति तो हुई, मगर अपर्याप्त और कई मुहल्ले जल संस्थान ने प्यासे छोड़ दिए। यहां ढूंगाधारा, डुबकिया, नरसिंहबाड़ी, तल्ला खोल्टा समेत इर्द-गिर्द के कई मोहल्लों में सप्लाई नहीं हो सकी। गत दिवस भारी वर्षा से कोसी का जल स्तर बढ़ते ही पंप बंद किए गए। अब लोग सवाल उठाने लगे हैं कि जब प्रशासन के नाक तले मुख्यालय पर यह हाल है, तो ग्रामीण क्षेत्रों की व्यवस्था क्या हाला होगा।

कई रोज से पेयजल संकट को लेकर आवाज उठ रही है। मगर जिला प्रशासन ने संज्ञान ही नहीं लिया। यदि गंभीरता से संज्ञान लिया होता, तो जिला मुख्यालय पर इतने दिनों तक संकट बरकरार नहीं रहता। ऐसी अव्यवस्था से साफ जाहिर है कि विभागीय अधिकारियों को जिला प्रशासन का कोई खौफ ही नहीं है। मामले सत्तारूढ़ दल के बड़े नेता भी इस संकट में चुप्पी साधे हैं। वर्ष 2010 में आई बड़ी आपदा के वक्त भी पेयजलापूर्ति ठप हुई थी, मगर तब फौरी तौर पर प्रशासन अधिकारियों ने हरकत में आकर दो-तीन दिन में चौकस व्यवस्था कर दी थी।

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संकट को लेकर आक्रोश

अल्मोड़ा: नगर में पेयजल समस्या को लेकर जनता में आक्रोश है। एक सप्ताह से पानी को तरसे थाना बाजार के पिछवाड़े गली लोगों ने मंगलवार को कंकरकोटी में जाकर अवर अभियंता ऐठानी से समस्या का समाधान करने की मांग की। लोगों का कहना है कि संकट दूर करने को आश्वस्त करने के बजाय एई ने उनके साथ व्यवहार तक ही ठीक नहीं किया। इससे लोगों में गुस्सा है। मिलने वालों में जगदीश बिष्ट, अमित बिष्ट, दीपक साह, कमल साह, रोहित भट्ट, योगेन्द्र महाजन आदि शामिल थे। इधर मोहल्ले के निवासी हरीश भट्ट, गिरीश वर्मा, रोहित सिंह, विशाल वर्मा, पूनम बिष्ट, कल्पना वर्मा, ममता साह आदि ने रोष प्रकट किया है। इधर नरसिंहबाड़ी का पानी से वंचित उपभोक्ताओं में भी भारी गुस्सा है। उन्होंने मंगलवार को पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने संकट से निजात दिलाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की। जोशी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे पेयजल मंत्री से वार्ता करेंगे।


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