वाराणसी में बना आरटीओ माफिया सेल, मचा हड़कंप
दर्जनभर लोगों को पकड़कर पुलिस थाने ले गई लेकिन कार्रवाई सिर्फ पांच लोगों के खिलाफ की।
वाराणसी (जागरण संवाददाता)। परिवहन कार्यालय को दलालों के आतंक से मुक्त कराने के लिए पुलिस अब आरटीओ माफिया सेल गठित करने जा रही है। लगातार तीन आरोपों में मामला दर्ज होने पर दलाल के खिलाफ गैंगस्टर के तहत कार्रवाई होगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नितिन तिवारी ने गुरुवार को सीओ बड़ागांव संतोष मिश्र को गत बुधवार को पकड़े गए आरोपियों का नाम माफिया सेल में दर्ज करने का निर्देश दिया है।
गत बुधवार को एसडीएम पिंडरा अविनाश कुमार व सीओ संतोष मिश्र ने संयुक्त से कार्रवाई की तो कार्यालय में हड़कंप मच गया। दर्जनभर लोगों को पकड़कर पुलिस थाने ले गई लेकिन कार्रवाई सिर्फ पांच लोगों के खिलाफ की। बता दें कि परिवहन कार्यालय में दलालों का जबर्दस्त बोलबाला हो गया है। नियम के तहत कोई भी काम करा पाना संभव नहीं है।
यदि दलाल के माध्यम से काम कराएंगे तो सभी काम संभव हैं। कार्यालय में लगभग सभी लिपिक के पास एक-दो कुर्सी दलालों की लगी रहती है। वे लिपिक की तरह सारे काम करते हैं। वे आपस में तय कर लेते हैं कि किस काम को कैसे करना है। इसके एवज में दलाल संबंधित व्यक्ति से मोटी रकम लेते हैं।
50 रुपये में थाने की मुहर: वाहनों की आरसी, परमिट, फिटनेस तथा डीएल खोने पर परिवहन कार्यालय में वाहन स्वामी को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करानी पड़ती है। थाने की मुहर लगने पर ही लिपिक दूसरा प्रपत्र जारी करते हैं। कार्यालय के बाहर खड़े दलाल जिले के किसी भी थाने की मुहर चंद मिनटों में लगाकर उपलब्ध करा देते हैं।इसके एवज में वे 50 से 100 रुपये लेते हैं।
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वाहन स्वामी से ज्यादा दलाल: कार्यालय के अंदर से लेकर बाहर वाहन स्वामियों और डीएल अभ्यर्थियों से ज्यादा दलालों की भीड़ रहती है। दलाल वाहन स्वामी और डीएल बनवाने पहुंचे अभ्यर्थियों को घेर लेते हैं। परिवहन कार्यालय में वाहन स्वामियों और डीएल अभ्यर्थियों का काम कराने के एवज में रुपये लेकर दलाल फरार हो जाते हैं। पीड़ित यदि अपनी परेशानी लेकर परिवहनकर्मी के पास पहुंचता है तो वे इधर-उधर की बात कर उसे भगा देते हैं।