मांगलिक कार्यों पर लगा विराम, अगले 32 दिनों तक बना रहेगा खरमास का साया
बैंड बाजा बरात समेत मांगलिक कार्यो पर रविवार शाम से विराम लग जाएगा। कारण यह कि इस दिन शाम 6.25 बजे भगवान सूर्य का वृश्चिक से धनु राशि पर संचरण हो रहा है।
वाराणसी [प्रमोद यादव]। बैंड बाजा बरात समेत मांगलिक कार्यो पर रविवार शाम से विराम लग जाएगा। कारण यह कि इस दिन शाम 6.25 बजे भगवान सूर्य का वृश्चिक से धनु राशि पर संचरण हो रहा है। इसके साथ ही खरमास लग जाएगा जो 14-15 जनवरी की देर रात 2.13 बजे सूर्य देव के धनु से मकर राशि पर जाने के बाद खत्म होगा। इस लिहाज से 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन कुंभ का प्रथम स्नान भी होगा। लगन की दृष्टि से 17 जनवरी से मध्य मार्च तक विवाहादि के लग्न-मुहूर्त प्रचुर मात्रा में होंगे।
ख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार ज्योतिष शास्त्र में भगवान भास्कर का धनु व मीन राशि पर संचरण खरमास कहा जाता है। हालांकि ज्योतिष में धनु व मीन राशि का स्वामी बृहस्पति को माना जाता है। वह मांगलिक कार्य यथा शादी विवाह आदि के कारक भी माने जाते हैं। बारह महीनों में खरमास दो बार होता है। प्राय: इसमें प्रथम मध्य दिसंबर से मध्य जनवरी तक तो दूसरा मध्य मार्च से आरंभ होकर मध्य अप्रैल तक रहता है। इस बार 16 दिसंबर की शाम 6.25 बजे सूर्य देव के वृश्चिक राशि से धनु में प्रवेश के साथ खरमास लगेगा। धर्म शास्त्रों में खरमास के दौरान मांगलिक शुभ कार्य वर्जित बताए गए हैं। ऐसे में 16 दिसंबर की शाम से 14 जनवरी तक सभी तरह के मांगलिक कार्य यथा-विवाह, मुंडन आदि कार्य वर्जित हो जाएंगे।
प्रभावित होंगी राशियां : भगवान सूर्य प्रकृति के कारक हैं। इनके राशि बदलने से हर राशियों सहित प्रकृति पर विशेष प्रभाव पड़ता है। मूल ठंड की शुरूआत भी खरमास से होती है।