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राजस्थानी लाल पत्थरों से संवर रहा सारंगनाथ शिवकुंड

वाराणसी : सारनाथ स्थित सारंगनाथ महादेव मंदिर के सामने शिवकुंड का जीर्णोद्धार एवं सुंदरीकरण का कार्य

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jun 2017 01:42 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jun 2017 01:42 AM (IST)
राजस्थानी लाल पत्थरों से संवर रहा सारंगनाथ शिवकुंड

वाराणसी : सारनाथ स्थित सारंगनाथ महादेव मंदिर के सामने शिवकुंड का जीर्णोद्धार एवं सुंदरीकरण का कार्य पर्यटन विभाग द्वारा कराया जा रहा है। करीब दो करोड़ 50 लाख रुपये के कुल बजट की तीसरी किस्त आने के बाद से कार्य ने गति पकड़ ली है।

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शिवकुंड के सुंदरीकरण के लिए पर्यटन विभाग में यह जागरुकता दैनिक जागरण के अभियान तलाश तालाबों की से आई। बीते वर्ष जागरण ने सारंगनाथ मंदिर के शिव कुंड को अभियान में शामिल किया था। सारनाथ स्थित आसपास के गांवों से आए ग्रामीणों ने श्रमदान कर कुंड की सफाई की थी। शिव कुंड में करीब चार माह से कार्य चल रहा है। कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है। मानसून भी आ गया है। अब डर बना है कि कहीं मूसलाधार बारिश हुई तो सुंदरीकरण का कार्य प्रभावित होगा। वहीं क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि इस प्राचीन शिवकुंड के अंदर का स्वरूप बड़े टैंक की तरह बना दिया गया है। कुंड में सिर्फ एक ओर सीढ़ी बनाई गई है जबकि तीन तरफ सीधी गहरी दीवार बनी है। यह खतरनाक है, क्योंकि जिधर सीढ़ी नहीं बनाई गई है उधर से कोई कुंड में गिर जाएगा तो बचाना मुश्किल होगा।

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नक्काशीदार हैं राजस्थान के पत्थर

पर्यटन विभाग ने शिव कुंड के सुंदरीकरण के लिए राजस्थान से लाल पत्थर मंगाया है, जिस पर बेहतरीन नक्काशी की गई है। कुंड के घाट किनारे पर्यटकों व श्रद्धालुओं को बैठने के लिए बेंच आदि लगाए गए हैं। खूबसूरत लाइटिंग की व्यवस्था की गई है, जो कुंड की सुंदरता में चार चांद लगा रहा है।

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संवरेगा पुआरी कला तालाब

हरहुआ : तालाबों के संरक्षण व सुंदरीकरण की दिशा में पूर्व ग्राम प्रधान व वर्तमान प्रतिनिधि त्रिभुवन मिश्रा पूरे उत्साह से जुटे हैं। उन्होंने संकल्प लिया है कि भविष्य में इसे अति सुंदर व सुसज्जित करना है। तालाब के सुंदरीकरण के लिए कार्ययोजना बना ली गई है। डेढ़ बीघे में बने तालाब की चारदीवारी, आकर्षक पक्का घाट, किनारे बैठने के लिए बेंच, पूजा स्थल को चबूतरा बनाने के साथ हरियाली के लिए पौधरोपण किया जाएगा। बच्चों के खेलने को झूला लगेगा। हनुमान मंदिर की रंगाई-पुताई के साथ जीर्णोद्धार का कार्य भी होगा। अभी तालाब में पानी लबालब है। तीज-त्योहार पर मनरेगा मजदूरों से साफ-सफाई कराई जाती है। ग्रामीण भी श्रमदान करते हैं। तालाब

तालाब से मछली भी नहीं मारते लोग

तालाब की देखरेख हनुमान मंदिर के पुजारी प्रवीन गोस्वामी करते हैं। तालाब के प्रति लोगों की आस्था का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कोई भी ग्रामीण वहां से मछली नहीं मारता। धार्मिक दृष्टि से इससे गांव का हर व्यक्ति जुड़ा हुआ है। प्रधान सरोज मिश्रा की भी इच्छा है कि इसे धार्मिक रूप से सुंदर बनाकर गाव के लिए लोकार्पित किया जाए। ब्लॉक पर कार्य योजना दी गई है। बजट आते ही सुंदरीकरण को मूर्तरूप दिया जाएगा।

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डीएम ने पूछा, तालाब खोदाई क्यों रुकी

मिट्टी से पाट दिए गए पंचक्रोशी मार्ग स्थित शिवपुर तालाब को नवजीवन देने के लिए पूर्व पार्षद डा. जितेंद्र सेठ ने जिला प्रशासन, नगर निगम प्रशासन समेत हाईकोर्ट का सहारा लिया है। उनका प्रयास रंग लाया है। दैनिक जागरण ने बीते वर्ष तालाब के मसले को उठाया तो पार्षद के प्रार्थना-पत्र पर कमिश्नर ने तालाब खोदाई का आदेश दिया। इसके बाद नगर निगम ने तालाब की खोदाई शुरू की लेकिन, बीच में ही कार्य बंद कर दिया। पूर्व पार्षद ने कार्य बंद होने की शिकायत डीएम से की तो उन्होंने नगर आयुक्त से पूछा है कि तालाब की खोदाई क्यों रोकी गई। पूर्व पार्षद का कहना है कि नगर निगम की मंशा ठीक नहीं लगती। उन्होंने नगर निगम अफसरों के तालाब पाटने वालों से प्रभावित होने का आरोप लगाया।


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