भोजपुरी गीतों पर झूम उठा शहर
वाराणसी : 'सुर गंगा' की शाम गुरुवार को भोजपुरी गीतों के नाम रही। भोजपुरी सुर, लय और ताल का जादू जब च
वाराणसी : 'सुर गंगा' की शाम गुरुवार को भोजपुरी गीतों के नाम रही। भोजपुरी सुर, लय और ताल का जादू जब चला तो देर रात तक नहीं थमा। मौका था शहर के टाउन हाल में सुर गंगा संगीत महोत्सव की भोजपुरी संध्या कार्यक्रम का। यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क, नगर निगम व पहल संस्था द्वारा आयोजन महोत्सव धर्मशील चतुर्वेदी को समर्पित रही। इसमें सुर संग्राम के विनर भोजपुरी गायक आलोक पांडेय व मन्नू लाल यादव ने लोकगीतों से हर किसी को झूमने को विवश कर दिया।
भोजपुरी गायक आलोक पांडेय ने 'डम-डम डमरू बजावे लें हमार
जोगिया .' ने गीतों का सिलसिला शुरू किया। फिर 'नई झुलनी में सैंया बलम दुपहरिया बिताईब .' और 'केहू कितनो दुलारी बाकी माई ना होई ..' से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। गायक मन्नू लाल यादव ने साहित्यिक बिरहा 'गुलजार मधुर रागन में लालिमा . प्रस्तुत कर सबको झुमा दिया। मुख्य अतिथि 95 वीं बटालियन सीआरपीएफ के कमांडिंग अफसर उदय प्रताप सिंह का पहल संस्था के वरिष्ठ सदस्य हरिदास पारिख ने स्वागत किया। संचालन जगदीश्वरी चौबे, घनश्याम सेठ, उत्कर्ष, नेहा, ओजस्वी व शिल्पी ने संयुक्त रुप से किया।
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क्षेत्रीय कलाकारों ने बिखेरा जलवा
लोकगीत गायन में अमलेश पांडेय, शिव प्रसाद पाल, अरुण सिंह, सुनीता अग्रहरि, विकास पांडेय, जितेंद्र यादव, विनोद सिंह 'सौरभ', प्रिया कुमारी, आदित्य शुक्ला, पवन मौर्य, जय प्रकाश शर्मा, सुमन अग्रहरि, तूफानी यादव, सूर्य प्रकाश मिश्रा, वैष्णवी ओझा, मित्तल पाल, ज्योति गुप्ता व मनोज पांडेय ने भी गीतों से जलवा बिखेरा।
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आज के कार्यक्रम : जीड़ू कृष्णमूर्ति को समर्पित स्पंदन निशा में जीटीवी लिटिल चैम्प के बाल कलाकारों का कार्यक्रम।