मेरी जगह ससुराल में, नहीं तो उठेगी अर्थी
वाराणसी : काशी की बहू सुगंधा जैन मंडलीय अस्पताल से छुट्टी कराकर सोमवार को तड़के कृष्णदेव नगर कालोनी
वाराणसी : काशी की बहू सुगंधा जैन मंडलीय अस्पताल से छुट्टी कराकर सोमवार को तड़के कृष्णदेव नगर कालोनी स्थित अपने पति के घर की चौखट पर फिर धरने पर बैठ गई। उसकी बस एक ही रट थी कि उसे पति के घर में ही रहना है और यदि प्रशासन किराए का मकान दिलाता है तो पति भी साथ रहे। उसने अपनी चाची से फोन पर कहा कि या तो पति के घर में जाऊंगी या मेरी अर्थी यहा से उठेगी। सुगंधा के दोबारा धरने पर बैठने की सूचना के बाद आशा ज्योति केंद्र के लोगों ने उसकी काउंसिलिंग की।
शाहजहांपुर की बेटी को देखकर वहा से गुजरने वाले लोगों का कलेजा पसीज जा रहा था। वहा मौजूद महिलाओं में संवेदना के साथ ही आक्रोश साफ झलक रहा था। सभी लोगों की यही प्रतिक्रिया थी कि क्या धोखे में तलाक नोटिस के नाम पर किसी महिला को इस तरह बाहर किया जा सकता है।
आरोप है कि सुगंधा को सोमवार की देर रात ससुराल में प्रवेश करते समय उसे श्वसुर व पति ने न केवल पीटा बल्कि घर से बाहर कर दिया था। इसके बाद ससुराल वाले सास की बीमारी का बहाना बनाकर एंबुलेंस से किसी अस्पताल चले गए। इधर सुगंधा को काफी चोट आई थी। जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण त्रिपाठी के निर्देश पर आशा ज्योति केंद्र व भेलूपुर पुलिस ने घायल सुगंधा को मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल से वह फिर ससुराल पहुंच गई। उसके दोबारा धरना देने की खबर से प्रशासन के हाथ पाव फूल गए। आनन फानन में जिला प्रोबेशन अधिकारी ने आशा ज्योति केंद्र की टीम को मौके पर भेजा।
सूचना पाकर भेलूपुर थाना प्रभारी राजीव सिंह भी पहुंच गए। मारपीट मामले में ससुराल वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई। इसके बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी के आदेश पर उसे आशा ज्योति केंद्र ले जाया गया। वहा से उसे रात्रि आश्रय के लिए पाडेयपुर स्थित स्वधार केंद्र भेजा गया। इस दौरान आशा ज्योति केंद्र की काउंसलरों ने सुगंधा की काउंसिलिंग भी की। मंगलवार को मजिस्ट्रेट के सामने युवती का बयान होगा।
सुगंधा का विवाह 13 दिसम्बर 2015 को बीएचयू के सेवानिवृत प्रोफेसर के पुत्र अनवेश जैन के साथ हुआ था। दोनों का मामला परिवार न्यायालय में विचाराधीन है। इन दिनों सुगंधा अपनी ससुराल में प्रवेश पाने के लिए संघर्ष कर रही है।