सुंदरीकरण तो दूर नहीं हटाया गया ध्वस्त निर्माण का मलबा
वाराणसी : अस्सी स्थित पौराणिक तालाब पुष्कर पर अतिक्रमण हटाने के नाम पर महज खानापूर्ति कर दी गई। दो
वाराणसी : अस्सी स्थित पौराणिक तालाब पुष्कर पर अतिक्रमण हटाने के नाम पर महज खानापूर्ति कर दी गई। दो सप्ताह बीतने को हैं और ढहाए गए निर्माण का मलबा अभी तक नहीं हटाया गया जबकि इस तालाब का सुंदरीकरण करना है जिसका बजट पास है और सीएंडडीएस को जिम्मेदारी दी गई है।
मंडलायुक्त नितिन रमेश गोकर्ण के आदेशानुसार मुख्य विकास अधिकारी पुलकित खरे ने तत्काल मलबा हटाने व सुंदरीकरण का काम शुरू कराने का आदेश दिया था। इस संबंध में यह भी आश्चर्यजनक है कि तालाब के उत्तरी छोर पर गिर रहा सरकारी सीवर अभी तक बंद नहीं किया गया है।
पुष्कर तालाब पर सुंदरीकरण की बात करें तो जनता चिल्लाती रही लेकिन पूर्व की सरकार में किसी ने सुनवाई नहीं की। परिणाम हुआ कि लाखों रुपये से तालाबों के सुंदरीकरण में घोर अनियमितता बरती गई। इसका खुलासा अब हो रहा है जब वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित खरे तालाबों की खोज-खबर ले रहे हैं। उन्होंने पुष्कर तालाब का जायजा लिया तो जो सुंदरीकरण के कार्य हुए हैं उनमें हद दर्जे की खामियां पाई गई।
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पुष्कर तालाब में बहता गंदा पानी
ऐसी मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ जब काशी को बसा रहे थे तो यहा 36 करोड़ देवी-देवता आए। उसी दौरान भगवान ब्रह्मा ने पुष्कर तालाब को आकार दिया। शुरुआत में तालाब का नाम पुष्कर तीर्थ रखा गया था लेकिन वक्त के साथ पुष्कर तालाब हो गया। वर्तमान समय में इसमें सीवर का गंदा पानी बह रहा है।
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पुष्कर कुंड पर होने हैं ये कार्य
-372.00 मीटर लंबाई में रिटेनिंग वॉल
-372.00 मीटर लंबाई में परिक्रमा पथ (3.00 मीटर चौड़ा)
-176.00 मीटर लंबाई में घाट का
निर्माण (12.90 मीटर चौड़ा)
-3392.289 वर्गमीटर परिक्रमा पथ पर ग्रेनाइट स्टोन फ्लोरिंग
-387.30 मीटर परिक्रमा पथ एवं घाट पर रेलिंग
-9 विद्युत पोल
-12 बेंच
-कुंड में ड्रेजिंग का कार्य
-346.35 लाख रुपये स्वीकृत
-346.35 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त
-330.17 लाख रुपये अब तक योजना पर खर्च
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ये कार्य नहीं हुए
-कुंड के पश्चिम परिक्रमा पथ का निर्माण नहीं कराया गया है।
-पूर्वी एवं दक्षिणी कोने में 15.00 मीटर लंबाई में परिक्रमा पथ का निर्माण नहीं हुआ है।
-दक्षिणी एवं पूर्वी कोने में लगभग 15.00 मीटर लंबाई में घाट का निर्माण नहीं कराया गया है।
-परिक्रमा पथ पर लगे ग्रेनाइट समतल नहीं हैं। घिसाई भी ठीक नहीं।
-परिक्रमा पथ की चौड़ाई भी भिन्न- भिन्न अर्थात कहीं 3.00 मीटर, 3.68 मीटर, 3.50 मीटर एवं 3.05 मीटर है।
-रेलिंग के ज्वाइंट एवं एलाईमेंट ठीक नहीं।