संगीत साधकों की साधना से तन-मन झंकृत
वाराणसी : भैसासुर घाट के मुक्ताकाशी मंच पर बुधवार की शाम सजी संगीत संध्या 'वाराणसी की विरासत' में सं
वाराणसी : भैसासुर घाट के मुक्ताकाशी मंच पर बुधवार की शाम सजी संगीत संध्या 'वाराणसी की विरासत' में संगीत साधकों ने अपनी- अपनी प्रस्तुति से संगीतप्रेमियों के तन-मन को झंकृत कर दिया।
वाराणसी नगर निगम के सहयोग से एडवाइजरी बॉडी फार इंटैंजिबल कल्चरल हैरिटेज, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार व संगीत नाटक अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय सांगीतिक अनुष्ठान के पहले दिन विख्यात गायक पद्मभूषण पं. छन्नूलाल मिश्र ने अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत राग हंसध्वनि में भगवान शिव की वंदना से की और इसके बाद वासंतिक नवरात्र के मद्देनजर दुर्गा स्तुति की। इसके बाद उन्होंने ठुमरी, चैती, होरी और एक बालक की फरमाईश पर सोहर सुनाकर श्रोताओं के अंत:करण को छू लिया। इसके पूर्व पं. शुभ महाराज ने तबला वादन से कार्यक्रम की शुरुआत की और कई गत व बंदिशें सुनाकर समा बाधा। अंत में डा. आनंद शकर जयंत व उनके साथियों ने 'सिंहनादिनी' भरत नाट्यम में अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीता। इसके पूर्व महापौर रामगोपाल मोहले, विधायक रवींद्र जायसवाल, पद्मभूषण पं. छन्नूलाल मिश्र व एडवाइजरी बॉडी फॉर इंटैंजिबल, यूनेस्को की सदस्य सचिव सुश्री ऊषाजी ने गंगा पूजन के बाद दीप जलाकर कार्यक्रम का आरंभ किया। इस अवसर पर सामाजिक संस्था पहल की ओर से भैसासुर घाट पर गंगा आरती की शुरुआत की गई। संचालन सुश्री सुमन पाठक ने किया। इस मौके पर नगर आयुक्त हरिप्रसाद शाही, पहल के सचिव आलोक पारिख, डा. रामऔतार पाडेय आदि मौजूद थे।