भगवान शिव बिना सोचे समझे करते हैं कृपा
वाराणसी : बाबा काशी विश्वनाथ अत्यंत भोले-भाले हैं। वह बिना सोचे समझे ही भक्तों पर कृपा करते हैं। उनक
वाराणसी : बाबा काशी विश्वनाथ अत्यंत भोले-भाले हैं। वह बिना सोचे समझे ही भक्तों पर कृपा करते हैं। उनकी भक्ति करने वाला स्वयं सिद्ध हो जाता है। काशीवासी इतने सौभाग्यशाली हैं जो उन्हें भगवान शकर ने खुद के धाम में वास दिया है।
अस्सी स्थित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में नौ दिवसीय शिव महापुराण कथा का शनिवार को शुभारंभ करते हुए यह बातें वृंदावन से आए प्रख्यात कथा वाचक संत निर्गुण दास ने शनिवार को कही। प्रथम दिवस शिव महापुराण के महात्म्य का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि अधर्मी व्यक्ति भी भूलवश यदि शिव महापुराण के एक श्लोक का भी श्रवण कर ले तो भी उसके पापों का क्षय हो जाता है। शिव महापुराण की कथा स्वयं भगवान महादेव ने माता पार्वती को सुनाई थी। इस लिहाज से भी शिवमहा पुराण का बड़ा महत्व है। संत निर्गुणदास महाराज ने कहा कि जब कोटि-कोटि जन्मों का पाप नष्ट होता है, तब श्रीहरि का दर्शन प्राप्त होता है और ना जाने कितने जन्मों का पुण्य होता है, तब भगवान भक्त को अपनी शरण में लेते हैं। परंतु भगवान शकर इतने सरल और सहज है कि वह स्मरण मात्र से ही भक्त को अपना पार्षद बना लेते हैं।
कथा के पूर्व सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में स्व. प्रभुलाल सिंघानिया की स्मृति में बनें अनुष्ठान भवन का उद्घाटन साधुबेला आश्रम के महंत गौरीशंकर दास व दंडी स्वामी विशुद्धानंद महाराज ने किया। इसके पूर्व सुबह मंदिर से अस्सी घाट तक कलश यात्रा निकाली गई जो वापस मंदिर में आकर समाप्त हुई। कलश यात्रा में 51 महिलाएं सिर पर कलश लेकर चल रही थीं। यात्रा में बैंडबाजे के साथ ही शकर-पार्वती, कृष्ण, हनुमान की झाकियां भी शामिल रही। व्यासपीठ का पूजन पूर्व विधायक मालूराम सिंघानिया व वीरेंद्र सिंघानिया ने किया।