पीड़िता के रेस्क्यू से लेकर दस्तावेजीकरण पर चर्चा
वाराणसी : पं. दीनदयाल अस्पताल स्थित रानी लक्ष्मीबाई आशा ज्योति केंद्र में चल रहे तीन दिवसीय कार्यशाल
वाराणसी : पं. दीनदयाल अस्पताल स्थित रानी लक्ष्मीबाई आशा ज्योति केंद्र में चल रहे तीन दिवसीय कार्यशाला का गुरुवार को समापन हुआ।
प्रशिक्षक व राज्य संयोजक यूनीसेफ व महिला कल्याण विभाग के अभिषेक दीक्षित ने आशा ज्योति केंद्र की कार्यप्रणाली को प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया। अभिषेक ने बताया कि कैसे केंद्र को कोई पीड़िता मिलती है। उसकी काउंसलिंग, रेस्क्यू कैसे किया जाए। इस दौरान क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने पीड़िता से बातचीत के सकारात्मक व नकारात्मक पहलुओं को बारीकी से समझाया। साथ ही प्रतिदिन की कार्यप्रणाली, अभिलेख दस्तावेजीकरण, रेस्क्यू वैन, पुलिस की भूमिका, शेल्टर होम, पीड़िता का बयान आदि के संबंध में जानकारी व सावधानी बताई।
इस दौरान आयोजित खुले प्रश्नोत्तर सत्र में पुलिस की तरफ से प्रश्न आया कि क्या अन्य जगहों से मिली पीड़िता के 164 के बयान से उसे आशा ज्योति केंद्र में शेल्टर दिया जा सकता है। इस पर अभिषेक दीक्षित ने कहा केवल आशा ज्योति केंद्र के केस में ही यहां शेल्टर दिया जाएगा। कार्यशाला में आइसीपीएस के राज्य संयोजक सुधीर ने बताया कि पीड़िता के साथ संवेदनशील होकर उनकी भाषा में सहज संचार करना होगा।
कार्यक्रम में आई महिला ग्राम प्रधानों ने सुझाव दिया कि पूरे जनपद के ग्राम प्रधान व थानों के नंबर की डायरेक्टरी बनाई जाए, ताकि जिस जगह से पीड़िता मिले वहां पर संपर्क कर तत्काल उसकी डिटेल निकाली जा सके। कार्यशाला में प्रशिक्षक मधुश्री पांडेय ने नाटक के माध्यम से पीड़िता की काउंसलिंग व अन्य बारीकियों की प्रस्तुति की। इस मौके पर यूनीसेफ से दिव्य प्रकाश, उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी प्रभात रंजन, जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण त्रिपाठी, बाल संरक्षण अधिकारी निरुपमा सिंह, डा. अमरेंद्र पौत्स्यायन आदि उपस्थित थे।