..ताकि फिर कोई रोहित वेमुला जैसा विवश न हो
वाराणसी : हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की खुदकशी के एक वर्ष पूरे होने पर बनारस के अस
वाराणसी : हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की खुदकशी के एक वर्ष पूरे होने पर बनारस के अस्सी घाट पर 'संवदिया' का आयोजन किया गया। इस जनसंवाद का आयोजन छात्रों के विभिन्न संगठनों ने एकजुट होकर 'ज्वाइंट एक्शन कमेटी' के बैनर तले किया। इस मौके पर सांसद अनवर अली सहित तीस्ता सीतलवाड़, डीयू की प्रोफेसर नंदिनी सुंदर, जेएनयू छात्रसंघ के तबरेज हसन, आरटीआइ एक्टिविस्ट प्रो. राजेंद्रन आदि सामाजिक कार्यकर्ताओं की जुटान हुई। सभी ने एक स्वर विश्वविद्यालय परिसरों में छात्र अधिकारों को संरक्षण देने की मांग की। वक्ताओं ने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं में लोकतांत्रिक मूल्यों को जीवित रखना होगा, ताकि फिर कोई रोहित वेमुला जैसा विवश होकर खुदकशी न करे।
पीएम के संसदीय क्षेत्र में सामाजिक कार्यकर्ताओं की जुटान वाले संवदिया में सभी के निशाने पर काशी ¨हदू विश्वविद्यालय की व्यवस्था रही। बिहार से राज्यसभा सदस्य अनवर अली ने कहा कि बीएचयू में छात्रों के अधिकारों का जबरदस्त हनन हो रहा है। इस बात को हमने संसद में भी उठाया। लेकिन कुछ नहीं हुआ। बीएचयू में छात्रों को बोलने की आजादी नहीं है। 24 घंटे साइबर लाइब्रेरी की सुविधा से छात्र वंचित हैं। मंच से दूरी बनाए रखते हुए तीस्ता सीतलवाड़ ने आयोजन में अपने विचार भी नहीं रखे। यह आयोजनकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय बना रहा। इस मौके पर एनएसयूआइ की अमृता धवन, अरुंधति धुरु, एनी राजा, एनी नमाला, निखिल डे सहित आइआइटी बीएचयू के प्रो. राकेश सिन्हा, ¨हदी के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. चौथीराम यादव, फादर आनंद आदि प्रमुख रूप से विचार रखे। संचालन धनंजय त्रिपाठी व धन्यवाद ज्ञापन विकास सिंह ने किया। संवदिया में रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला को भी आना था। लेकिन हैदराबाद में प्रदर्शन के दौरान मंगलवार को देर शाम हिरासत में लिए जाने के कारण नहीं पहुंच सकीं।