नवोदय के पथ पर संस्कृत शिक्षा
वाराणसी : राजकीय महिला महाविद्यालय, डीएलडब्ल्यू के संस्कृत विभाग द्वारा गुरुवार को प्रसार व्याख्यान
वाराणसी : राजकीय महिला महाविद्यालय, डीएलडब्ल्यू के संस्कृत विभाग द्वारा गुरुवार को प्रसार व्याख्यान के अन्तर्गत संस्कृत शिक्षण की प्रासंगिकता विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य वक्ता संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के तुलनात्मक धर्म दर्शन विभाग के प्रो. रजनीश शुक्ल ने वर्तमान संदर्भ में संस्कृत ज्ञान की उपयोगिता और प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। कहा कि संस्कृत शिक्षा इस समय नवोदय के पथ पर है। आने वाले समय में संस्कृत के विद्यार्थियों के लिए यह रोजगार का नया अवसर प्रदान करेगा।
कहा कि आइआइटी के विद्यार्थियों में भी संस्कृत के प्रति अभिरूचि बढ़ रही है। इसके अलावा नासा के वैज्ञानिक भी संस्कृत शास्त्रों में छिपे रहस्यों को समझने में लगे हैं। स्वागत भाषण महाविद्यालय की प्राचार्य डा. मृदुल कुमारी ने दिया। उन्होंने कहा कि संस्कृत को समाज में बढ़ावा दिया जाना चाहिए। संस्कृत विभागाध्यक्ष डा. रचना शर्मा ने संचालन किया एवं कमलेश कुमार तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस दौरान डा. उमा रानी श्रीवास्तव, डा. शुभ लक्ष्मी त्रिपाठी, डा. स्मिता, आनन्द कुमार त्रिपाठी, डा. रजनीश चन्द्र त्रिपाठी, ओपी तिवारी आदि मौजूद थे।