बदल जाएगा सारनाथ स्टेशन का नक्शा
वाराणसी : महात्मा बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ स्थित रेलवे स्टेशन पर्यटन स्थली के लिहाज से सजाया संवारा
वाराणसी : महात्मा बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ स्थित रेलवे स्टेशन पर्यटन स्थली के लिहाज से सजाया संवारा जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे ने इसके जतन शुरू कर दिए हैं। दोहरीकरण के तहत ट्रैक तो बढ़ाए ही जाए रहें हैं, प्लेटफार्म का भी विस्तार हो रहा है। सब ठीक रहा तो मार्च 2017 तक शहर के बाहरी हिस्से में स्थित महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन का नक्शा बदल जाएगा।
वास्तव में औड़िहार से मंडुआडीह तक रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना के साथ ही रेलवे इस रेलखंड पर स्थित स्टेशनों का सुंदरीकरण भी करा रही है। इसमें भले ही कैंट स्टेशन का लोड कम करने के लिए सिटी व मंडुआडीह को सेटेलाइट टर्मिनल के रूप में विकसित करने पर जोर हो पर सारनाथ को उसके प्रतिष्ठा के अनुरुप सजाने की तैयारी है। इसके लिए प्लेटफार्म एक को 218 मीटर तक विस्तार दिया जा रहा है। प्लेटफार्म नंबर दो व तीन भी दोनों सिरों की ओर 125 मीटर लंबे किए जा रहे हैं। प्लेटफार्म नंबर एक पर 32 मीटर और दो-तीन पर 100 मीटर तक शेड (पीपी शेल्टर) लगेंगे। इससे रेल गाड़ियां पूरी तरह प्लेटफार्म के दायरे में होंगी और यात्रियों को खतरों के खिलाड़ी की तरह उछल-कूद से मुक्ति मिलेगी।
स्टेशन भवन का भी सुंदरीकरण किया जाएगा। इसे सुविधाजनक बनाने के साथ ही बनारस की पहचान से जुड़े चिह्न भी जड़े जाएंगे। सर्कुलेटिंग एरिया और अप्रोच रोड भी नए सिरे से संवरेंगे। बुकिंग आफिस में सुधार के साथ ट्रेन इंडीकेशन बोर्ड और ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीनें (एटीवीएम) व एलईडी लाइटें लगाई जाएंगी। अत्याधुनिक प्रसाधन कक्ष भी बनाया जाएगा। इस क्रम में परिचालन कक्ष लगभग तैयार है। स्टेशन अधीक्षक, सिग्नल रिले, जेनरेटर कक्ष आदि में मशीनें लगाई जा रही हैं।
सुविधाओं के साथ बढ़ेंगे यात्री
स्टेशन पर यात्रियों के अनुपात में रुकने वाली गाड़ियों की संख्या भी सीमित है। जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार के अनुसार सारनाथ स्टेशन पर तीन एक्सप्रेस/ मेल और 26 अप-डाउन पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव है। यात्री संख्या 1400 रोज है।
क्षेत्र विस्तार संग उठती रही है मांग
इस क्षेत्र में गाजीपुर, गोरखपुर, बलिया, बिहार तक की आबादी बढ़ी है। ऐसे में स्थानीयजनों द्वारा लंबे समय से इन रूट की सभी गाड़ियों के ठहराव की मांग होती रही है। माना जा रहा है कि सुंदरीकरण के बाद यात्री संख्या वृद्धि के साथ गाड़ियों का ठहराव भी बढ़ेगा।