छह मौतों से दहला चोलापुर
वाराणसी : चोलापुर क्षेत्र में डायरिया का प्रकोप तेजी से फैला रहा है। स्थिति अब इतनी भयानक हो गई है क
वाराणसी : चोलापुर क्षेत्र में डायरिया का प्रकोप तेजी से फैला रहा है। स्थिति अब इतनी भयानक हो गई है कि डायरिया से पीड़ित चोलापुर के गोसाईपुर निवासी सुशीला मिश्रा (61) की शुक्रवार की सुबह दीनदयाल अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। वहीं चोलापुर के ही लश्करपुर गांव की सुदामा देवी (50) की दोपहर डायरिया से जान चली गई। पिछले 21 दिनों में चोलापुर में छह मौतों से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।
उल्टी व दस्त की शिकायत पर चोलापुर के गोसाईपुर की सुशीला मिश्रा को गुरुवार को दीनदयाल अस्पताल के मेडिकल वार्ड के बेड नंबर 13 पर भर्ती किया गया। परिजनों का आरोप है कि रात में ही मरीज की हालत गंभीर थी लेकिन डाक्टर व नर्स से बेहतर उपचार नहीं किया। शुक्रवार की सुबह शौचालय में ही सुशीला की मौत हो गई। इस पर परिजनों ने हंगामा मचा दिया। बाद में डाक्टरों के समझाने पर वे शव लेकर चले गए।
वहीं दोहपर में चोलापुर के लश्करपुर गांव निवासी सुदामा देवी को 27 जुलाई को डायरिया की शिकायत पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। इसके बाद अगले दिन परिजन उसे लेकर घर चले गए और रात में किसी ओझा से झाड़-फूक कराया। शुक्रवार की दोपहर उसकी भी मौत हो गई। घटना की सूचना पर डा. आरबी यादव के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम जब लश्करपुर पहुंची तो उन्हें गांव में अन्य मौतों की जानकारी हुई।
टीम ने घटना का जायजा लिया तो मालूम हुआ कि पिछले दिनों वनवासी बस्ती के लोगों ने एक मुर्गा बेचने वाले से मुर्गा के अनुपयोगी अंगों को खरीदकर उसे बनाकर खाया था। तभी से कई लोग फूड पायजनिंग से पीड़ित हो गए। इससे आठ जुलाई को पवन (1 वर्ष), 21 जुलाई को गीता (11), 25 जुलाई को छोटू (1 वर्ष) व 26 जुलाई को झुमका (2 वर्ष) की मौत हो गई। डाक्टरों की टीम ने गांव में बीमार आरती (3) को दवा दिया।
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चोलापुर के लश्करपुर में जो घटना हुई है वह फूड पायजनिंग से है। घटना की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को मौके पर भेजा गया था। टीम के सदस्यों ने घर-घर जाकर लोगों को बासी खाना से दूर रहने की सलाह दिए। वहीं कई लोगों को दवा का वितरण भी किया गया।
- वीबी सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी।