शांति के बिना कल्याण भव नहीं
वाराणसी : महामंडलेश्वर स्वामी नित्यानंद ने कहा कि सभी उपनिषदों का मूलमंत्र शांति ही है। वैदिक काल मे
वाराणसी : महामंडलेश्वर स्वामी नित्यानंद ने कहा कि सभी उपनिषदों का मूलमंत्र शांति ही है। वैदिक काल में भारत के पास तमाम आधुनिक अस्त्र-शस्त्र थे। इसका एक ही उद्देश्य था समाज में शांति की स्थापना। शांति के बिना किसी का कल्याण संभव नहीं है।
छावनी स्थित एक होटल में चल रहे कल्पतरु दर्शन व साधना शिविर के तीसरे दिन स्वामी नित्यानंद ने कहा कि शांति का यह मतलब नहीं कि हम दुर्बल या असहाय हैं, बल्कि शांति इस ब्रह्मांड की मूल आवश्यकता है। समस्याओं का डटकर मुकाबला किया जाए और उनके समाधान का प्रयास किया जाए, तभी शांति कायम हो सकेगी।
इसके पूर्व शिविर के प्रतिभागियों को योगाभ्यास कराया गया। इसके बाद गुरुपूजा, शिव पूजा और कीर्तन व साधना का क्रम शुरू हुआ। इस दौरान भक्तों ने भजनों की धुन पर नृत्य किया। दूसरे दिन लगभग 50 लोगों को स्वामी नित्यानंद ने गुरुमंत्र की दीक्षा देने के साथ ही कल्पतरु दर्शन कराया। इस दौरान स्वामी आत्मपूजानंद, डा. आत्मप्रियानंद, मंगलानंद, शिवानंद, अनिरुद्धानंद व योगात्मानंद ने प्रतिभाग किया।