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कुपोषित बच्चों की भरमार, सुविधाएं लाचार

वाराणसी : अतिकुपोषित बच्चों की अधिकता वाले जिले में उनकी देखरेख के लिए स्थापित पोषण पुनर्वास (एनआरस

By Edited By: Published: Mon, 27 Jun 2016 01:11 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2016 01:11 AM (IST)
कुपोषित बच्चों की भरमार, सुविधाएं लाचार

वाराणसी : अतिकुपोषित बच्चों की अधिकता वाले जिले में उनकी देखरेख के लिए स्थापित पोषण पुनर्वास (एनआरसी) केंद्र खुद बीमार है। पं. दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल स्थित इस केंद्र में एक ओर सीमित बेड व कर्मचारी तो वहीं मरीजों की भरमार है। लिहाजा छुंट्टी के दिनों में पूरी व्यवस्था दिव्यांग केयर टेकर के भरोसे रहती है।

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ऐसा ही रविवार को भी हुआ। केंद्र में तय बेड के सापेक्ष भर्ती डेढ़ गुना यानी 15 बच्चों की थी। देखरेख दोपहर में दिव्यांग केयर टेकर बिंदू चौरसिया के जिम्मे रही। रात में ड्यूटी पर आई नर्स दोपहर 1.30 बजे चली गई। एनआरसी में अतिकुपोषित बच्चों के लिए 10 बेड है। इसके अनुसार ही नर्सिग स्टाफ समेत अन्य पद सृजित हैं। दो दिनों में पांच अतिकुपोषित बच्चों के भर्ती किए जाने से यह संख्या 15 हो गई है। ऐसे में तीन बच्चों का मेडिकल वार्ड में इलाज किया जा रहा है। फिलहाल एनआरसी में चार पदों के सापेक्ष तीन स्टाफ नर्स, एक-एक डायटीशियन, बाल रोग विशेषज्ञ, कुक, केयर टेकर व क्लीनर तैनात हैं।

मानक का उल्लंघन

वास्तव में एनआरसी सिर्फ दस बच्चों के इलाज के लिए स्थापित है। इसके अनुसार ही बेड व पद सृजित हैं। इनसे अधिक बच्चे रखे जाने पर पद बढ़ाए जाने चाहिए ताकि समुचित तरीके से पोषण व पुनर्वास किया जा सके। ऐसा किए बिना बच्चों को बढ़ाना मानक का भी उल्लंघन है।

प्रशासन का भर्ती पर जोर

पदों की चाहे जो स्थिति हो लेकिन प्रशासन का जोर अधिक से अधिक अतिकुपोषित बच्चों को भर्ती किए जाने पर है। इसके लिए आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर सर्वे कर कुपोषितों का आंकड़ा जुटा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्र के सीएचसी-पीएचसी प्रभारियों व अधीक्षकों को ऐसे बच्चों का परीक्षण कर रेफर किए जाने का निर्देश है। इसका असर रहा कि जनवरी से मई तक केंद्र में 73 बच्चों का इलाज व पुनर्वास किया गया। इसमें मई में सर्वाधिक 36 व अप्रैल में 19 तो फरवरी में सिर्फ तीन, मार्च में छह व जनवरी में नौ बच्चों का ही इलाज किया गया।

एनआरसी में सुविधाएं

-अतिकुपोषित बच्चे को उसकी शारीरिक आवश्यकता अनुसार भोजन।

-मां को नाश्ता-आहार व बच्चे को स्वस्थ रखने का प्रशिक्षण।

-माताओं को प्रतिदिन सौ रुपये के हिसाब से रोजगार क्षतिपूर्ति।

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साढ़े 12 हजार कुपोषित बच्चे

ब्लाक कुपोषित बच्चे

अराजीलाइन 2,278

सेवापुरी 1,325

चिरईगांव 1,144

पिंडरा 773

काशी विद्यापीठ 1,161

हरहुआ 722

बड़ागांव 649

चोलापुर 829

शहरी क्षेत्र 3685


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