बीएचयू में धरना, नौ छात्र निलंबित
जागरण संवाददाता, वाराणसी : कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर बीएचयू में आंदोलन कर रहे छात्रों पर सो
जागरण संवाददाता, वाराणसी : कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर बीएचयू में आंदोलन कर रहे छात्रों पर सोमवार को प्रशासन ने डंडा चला दिया। अनुशासनहीनता और अन्य मामलों का आरोपी बनाते हुए प्रशासन ने नौ छात्रों को समस्त शैक्षणिक सुविधाओं के साथ परीक्षा व छात्रावास की सुविधा से निलंबित कर दिया। इसमें आठ छात्र काशी ¨हदू विश्वविद्यालय के हैं जबकि एक छात्र डीएवी पीजी कालेज से संबंधित है।
इन पर चला प्रशासन का डंडा
निलंबित होने वाले छात्रों में विकास सिंह शोध छात्र राजनीति विज्ञान विभाग, प्रियेश पांडेय बीए द्वितीय वर्ष कला संकाय, अनुपम कुमार बीए आनर्स द्वितीय वर्ष, दीपक सिंह बीए द्वितीय वर्ष, शांतनु सिंह गौर बीए द्वितीय वर्ष, गौरव पुरोहित बीए द्वितीय वर्ष सामाजिक विज्ञान संकाय, आकाश पांडेय बीए आनर्स द्वितीय वर्ष सामाजिक विज्ञान संकाय, रोशन पांडेय बीए आनर्स द्वितीय वर्ष कला संकाय, डीएवी पीजी कालेज वाराणसी का छात्र अविनाश ओझा बीए द्वितीय वर्ष सामाजिक विज्ञान संकाय शामिल है। छात्रों का कहना है कि प्रशासन की इस बंदर घुड़की से वे डरने वाले नहीं है। विकास सिंह ने कहा है कि अधिकारियों ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए कुछ छात्रों को निलंबित जरूर किया है, लेकिन वे अनशन तोड़ने वाले नहीं है। छात्रों के हित की यह लड़ाई जारी रहेगी। चेताया है कि प्रशासन कोई भी हथकंडे अपना ले, लेकिन छात्र मर्यादित अनशन जारी रखेंगे।
सुबह में की गांधीगिरी, रात को कार्रवाई
वाराणसी : सोमवार की सुबह छात्र कुलपति आवास पर पहुंच गए। गांधीगिरी दिखाते हुए छात्रों ने कुलपति को फल देना चाहा। इसे लेकर नोकझोंक भी हुई। छात्रों का कहना था कि भूख हड़ताल के कारण उनकी सेहत पर असर पड़ा है। ऐसे में अधिकारियों की सेहत बनी रहे इसलिए फल भेंट किया जा रहा है। हालांकि छात्रों को यह भारी पड़ गया। वैसे तो एकाध दिन पहले से ही छात्रों पर कार्रवाई करने की तैयारी चल रही थी। इसको लेकर तमाम निदेशकों व संकाय प्रमुखों को बैठक कर विश्वास में लिया गया। इसके बाद कार्रवाई का नोटिस जारी कर दिया गया।
छात्रों व प्रशासन में जमकर चला 'पत्र वार'
वाराणसी : बीएचयू ने छह दिनों से अनशन पर बैठे छात्रों की सभी मांगों को अमान्य कर दिया है। समिति की रिपोर्ट को आधार बनाकर प्रशासन ने नोटिस जारी कर कहा है कि छात्रों की मांगें अनुचित है। वहीं छात्रों ने भी नोटिस का जवाब देते हुए पलटवार किया है। यानी दोनों ही तरफ से 'पत्र वार' तेज हो गया है।
सोमवार को छठवें दिन मिले नोटिस का जवाब छात्रों ने शालीनता से दिया। उनका कहना था कि अगर प्रशासन दावा कर रहा है कि साइबर लाइब्रेरी में गलत साइटें देखी जाती है तो अभी तक किस अधिकारी या कर्मचारी पर कार्रवाई की गई। सवाल उठाया कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो प्रशासन जो आरोप लगा रहा है वह सारे कार्य अधिकारियों की सह पर ही हुए होंगे। पत्रों के माध्यम से छात्रों ने आइना दिखाया कि सुरक्षात्मक एवं उपकरणों के रखरखाव संबंधी समस्याएं गिनाकर केवल बहाना किया जा रहा है। बताया कि यही साइबर लाइब्रेरी 2013-14 में 24 घटे खुलती थी, तब कोई समस्या नहीं आती थी तो अब क्यों आ रही है।