गांधी जी ने काशी में की थी 'राजनीतिक अपराधीकरण' की बात
वाराणसी : राजनीति में आज जो गिरावट आई है और बयानबाजी का स्तर नीचे आया है उसका जिक्र महात्मा गांधी ने
वाराणसी : राजनीति में आज जो गिरावट आई है और बयानबाजी का स्तर नीचे आया है उसका जिक्र महात्मा गांधी ने आज से 100 वर्ष पहले बीएचयू के स्थापना दिवस पर छह फरवरी 1916 को कर दी थी। कहा था कि जनप्रतिनिधियों को राजनीतिक अपराधीकरण से बचना होगा। काशी के हृदय स्थल के आसपास के बाजारों में गंदगी देखकर दुख भी प्रकट किया था।
काशी ¨हदू विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर चार फरवरी को सेंट्रल हिन्दू कॉलेज में आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में भाग लेने आए बापू ने तीसरे दिन भाषण दिया था। सायंकाल के सत्र में उनके अध्यक्षीय व्याख्यान में अधिकांश लोग उठकर चले गए थे। हालांकि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय व्याख्यान में पूरे समय तक रहे। बीएचयू के सामाजिक विज्ञान विभाग के प्रो. कौशल किशोर मिश्रा द्वारा संपादित पुस्तक 'काशी जर्नल ऑफ सोशल साइंस' के अनुसार गांधी जी ने उसी दौरान 'स्वच्छ भारत' की पृष्ठभूमि रख दी थी। गांधी के 1916 की मन की बात को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में स्वच्छ भारत की शुरुआत भी काशी से की। भाषण के दौरान उन्होंने शहर में फैली गंदगी का जिक्र करते हुए एरिया का नाम भी बताया था। सेंट्रल ¨हदू कॉलेज में हुए व्याख्यान में श्रीमती ऐनी बेसेंट ने भी लंबा भाषण दिया था। इस व्याख्यान की अध्यक्षता महाराजा सर रामेश्वर बहादुर सिंह ने की थी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी बीएचयू के शिलान्यास समारोह में भाग लेने के लिए पंडित मालवीय के निमंत्रण पर आए थे।
पहले स्वशासन, तब संसाधन की बात
गांधी से लोगों ने गंदगी और शासन की व्यवस्था पर भी प्रश्न किए थे। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि सबसे पहले अपने अंदर स्वशासन के लिए आंतरिक इच्छाशक्ति जगाए, इसके बाद ही संसाधन की बात करें। फिर हम सोसाइटी को लेकर आगे बढ़ पाएंगे। साथ ही उन्होंने लोगों से व्यक्तिगत, नैतिक, मानसिक और शारीरिक संरचना को लेकर मजबूत होने की बात की थी।