दिल्ली में काशी की रामलीला व नक्कटैया
वाराणसी : काशी ¨हदू विश्वविद्यालय के प्रो. केडी त्रिपाठी ने 'नाट्यशास्त्र और अभिनव गुप्त के आधार पर
वाराणसी : काशी ¨हदू विश्वविद्यालय के प्रो. केडी त्रिपाठी ने 'नाट्यशास्त्र और अभिनव गुप्त के आधार पर रामलीला' की विवेचना की। प्रो. एमएनपी तिवारी ने 'काशी की नक्कटैया' पर व्याख्यान दिया। यह चर्चा नई दिल्ली स्थित इग्नू केंद्र में 27 नवंबर से शुरू 'वैश्रि्वक स्तर पर रामलीला की विशेषताओं' विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में की गई। देश-विदेश के 60 से अधिक विद्वानों ने यहां अपने शोध-पत्र प्रस्तुत करने के साथ ही रामलीला पर प्रदर्शन भी किया। इसमें रामलीला के अतीत और वर्तमान में भक्ति तथा सामाजिक संदर्भो में प्रासंगिकता को भी विद्वानों ने रेखाकित किया।
संगोष्ठी में काशी की प्रसिद्ध नक्कटैया से संबंधित लोगो भी प्रदर्शित किया गया। हास्य और वर्तमान की समाजिक समस्याओं पर आकर्षित करने वाले काशी का अतिविशिष्ट रामलीला मेला भी बताया गया। दृश्य कला संकाय के असिस्टेंट प्रो. डा. शाति स्वरूप सिन्हा ने 'जौनपुर के सराय-हरखू की रामलीला' के सामुदायिक महत्व को कायस्थों के साथ ही अन्य जातियों की भागीदारी को चित्रों के माध्यम से रेखाकित किया। इस पांच दिवसीय मंचित रामलीला के पात्रों, उनकी सज्जा तथा सामान्य-जनों की सहभागिता और आस्था का एक विलक्षण उदाहरण बताया गया। इसके अलावा काशी, ज्ञान-प्रवाह के प्रो. कमल गिरि ने 'काशी की रामलीलाओं में प्रयुक्त सज्जा एवं आभूषण सामग्री' की विवेचना की। वहीं संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के डा. दुर्गा नंदन तिवारी ने 'उत्तर प्रदेश के फतेहपुर स्थित खजुआ ग्राम की रामलीला' में रावण तथा अन्य असुर पात्रों के पुतलों के रूप में प्रस्तुति, रावण के पुतले को अन्य चित्रों की भांति न जलाए जाने को चित्रों के द्वारा प्रस्तुत किया।