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बच्चों से गुलजार हुए स्कूल-कालेज

वाराणसी : ग्रीष्मावकाश के बाद परिषदीय व माध्यमिक विद्यालय बुधवार से खुल गए। बच्चों से चहलकदमी में व

By Edited By: Published: Thu, 02 Jul 2015 01:31 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2015 01:31 AM (IST)
बच्चों से गुलजार हुए स्कूल-कालेज

वाराणसी : ग्रीष्मावकाश के बाद परिषदीय व माध्यमिक विद्यालय बुधवार से खुल गए। बच्चों से चहलकदमी में विद्यालय गुलजार रहे। वहीं अंग्रेजी माध्यम के निजी स्कूल पहले ही खुल गए थे। ऐसे में अब स्कूल-कालेजों के साथ किताब-कापी ड्रेस की दुकानों में भी चहल-पहल बढ़ गई है।

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लंबे समय के बाद स्कूलों के खुलने से बच्चे खुश नजर आए। पहले दिन अधिकांश स्कूलों के बच्चों ने पढ़ाई कम मौज-मस्ती ज्यादा की। बच्चे आपस में यह बताने में भी जुटे रहे कि वे इस बार गर्मी की छुट्टियों के दौरान कहां-कहां घूमने गए। इस वर्ष अप्रैल से नया सत्र शुरू होने के कारण कई स्कूलों में पहले दिन से ही पढ़ाई शुरू हो गई। हालांकि पहले ही ज्यादातर विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही।

नहीं खुल सका स्कूल का ताला

प्राथमिक विद्यालय, भोजूबीर प्रथम का ताला बुधवार को नहीं खुल सका। इसके पीछे विद्यालय केसामने जलजमाव व दलदल बताया जा रहा है। हालांकि यहां के बच्चों को पढ़ने के लिए निकट के प्राथमिक विद्यालय, द्वितीय में भेज दिया गया था। एक ही विद्यालय में दो विद्यालयों को बच्चों को पढ़ाई करनी पड़ी।

किताबें अब भी बच्चों से दूर

परिषदीय स्कूलों में पहली जुलाई से नि:शुल्क किताबों का वितरण होना था लेकिन किताबें नहीं बंट सकी। हालत यह है दोपहर तक यूआरसी, कबीरचौरा में ही किताबें नहीं पहुंची थी। जबकि नगर क्षेत्र के विद्यालयों को किताबें यूआरसी से ही मिलनी है। ऐसे में वितरण होने का सवाल ही नहीं उठता। कुल मिलाकर किताबें अब भी बच्चों से दूर है। ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों का यही हाल है। बीएसए रामचंद्र सिंह यादव का कहना है कि ब्लाकों में किताबें भेज दी गई है। यूआरसी, कबीर चौरा को भी किताबें प्राप्त करने का निर्देश दिए गए हैं ताकि किताबों के वितरण का जल्द से जल्द हो सके।


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