बदलेगा सिस्टम, लागू होगा 'ओएमआर'
वाराणसी : प्रतियोगी परीक्षाओं की तर्ज पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ सेमेस्टर परीक्षाओं में आप्टिकल
वाराणसी : प्रतियोगी परीक्षाओं की तर्ज पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ सेमेस्टर परीक्षाओं में आप्टिकल मार्कर रीडर (ओएमआर) सिस्टम लागू करने का मन बना लिया है। इसके पीछे विश्वविद्यालय का उद्देश्य समय से रिजल्ट घोषित करना है। फिलहाल प्रयोग के तौर पर स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर में लागू करने पर विचार चल रहा है। प्रयोग सफल होने पर अन्य सेमेस्टरों में भी इसे लागू किया जाएगा। दरअसल पुरानी मूल्यांकन व्यवस्था से काफी परीक्षार्थी असंतुष्ट है। यही कारण है कि आरटीआइ के तहत प्रतिमाह करीब एक हजार परीक्षार्थी उत्तर पुस्तिकाओं की फोटो कापी मांगते हैं। दूसरी ओर 35-40 लाख कापियों में किसी एक कापी को ढूंढ़ना विश्वविद्यालय के लिए जी का जंजाल बना हुआ है।
विवि प्रशासन मानता है कि ओएमआर व्यवस्था लागू कर देने से उत्तरपुस्तिकाओं के बाद कापी का फोटोस्टेट देने का झंझट खत्म हो जाएगा। कारण ओएमआर की एक कापी परीक्षा के तत्काल बाद परीक्षार्थियों को दे दी जाएगी। परीक्षा बाद सभी प्रश्नों के उत्तर भी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए जाएंगे, जिससे परीक्षार्थी मिलान कर सकते हैं। उन्हें पहले ही पता रहेगा कि कितना अंक मिलने वाला है।ं छात्रों का असंतोष भी खत्म हो जाएगा।
अब अगले सत्र में होगा विचार
शुक्रवार को कुलपति डा. पृथ्वीश नाग की अध्यक्षता में परीक्षा समिति की बैठक भी बुलाई गई थी। फिलहाल बैठक में इसकी सहमति नहीं बन सकी। ज्यादातर सदस्यों का मानना था कि इसे अगले सत्र से लागू किया जाय। कारण अब तक पुराने पैटर्न पर ही पढ़ाई हुई है। ऐसे में इसे अगले सत्र से लागू किया जाय। सदस्यों के मत से परीक्षा समिति ने इसे अगले सत्र तक के लिए स्थगित कर दिया है। बैठक में कुलसचिव ओमप्रकाश सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।