अपने ही स्कूल का ग्राउंड मानकर बच्चों ने मनाया 'इंटरवल'
वाराणसी : जमीन सुरक्षित कर लेने के दो दशक के बाद भी कपसेठी स्थित महिमापुर गांव में शिक्षा विभाग प्रा
वाराणसी : जमीन सुरक्षित कर लेने के दो दशक के बाद भी कपसेठी स्थित महिमापुर गांव में शिक्षा विभाग प्राइमरी स्कूल तो नहीं खुलवा सका लेकिन गांव के बच्चे स्कूल के लिए आवंटित भूमि को अपने ही विद्यालय का खेल ग्राउंड मानते हैं। यही कारण है कि वह अवकाश के दिनों में भू-भाग पर 'इंटरवल' मनाते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के जन्म दिवस पर शुक्रवार को घोषित सार्वजनिक अवकाश का बच्चों ने फायदा उठाते हुए खूब धमा-चौकड़ी की।
यह नजारा सिर्फ महिमापुर गांव में ही नहीं कमोवेश उन सभी गांवों में देखने को मिला जहां प्राइमरी स्कूल प्रस्तावित है और उनके लिए वर्षो पूर्व से जमीन छोड़ी गई है। जागरण टीम ने शुक्रवार को भी उन गांवों की पड़ताल की तो उस भूमि पर बच्चे खेलते-कूदते मिले। इस प्रकार बच्चों ने खाली भू-भाग का उपयोग करना शुरू कर दिया है। संबंधित ग्रामीणों के अनुसार ऐसे में जाहिर है कि अब सरकार को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए। प्रदेश सरकार को अविलंब बड़ागांव ब्लाक के महिमापुर, आराजी लाइन के जगतगंज छोटापुरवा, सेवापुरी ब्लाक के चकलोला, पिण्डरा ब्लाक के कोइरीपुर, चिरईगांव ब्लाक के बरबसपुर, चोलापुर के धरमनपुर गांवों में संरक्षित व सुरक्षित जमीन पर स्कूल खोलने की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए। ग्रामीणों का कहना है कि स्थानीय स्तर के शिक्षाधिकारियों को भी इसके लिए पहल करने की जरूरत है। सिर्फ शासन को प्रस्ताव भेजकर वह अपने कर्तव्य की इतिश्री न समझें।
गूंजा कबड्डी-कबड्डी
चोलापुर के धरमनपुर गांव में जहां स्कूल के लिए भूमि संरक्षित है, शुक्रवार को वहां पूरे दिन कबड्डी-कबड्डी गूंजता रहा। बच्चों ने टोली बनाकर कबड्डी खेली। बच्चों का कहना है कि अवकाश के दिनों में हम लोग यहीं आकर खेलते हैं।
खूब लगा चौका-छक्का
हरहुआ : पिण्डरा कोईरीपुर गांव में स्कूल की भूमि पर बच्चों ने शुक्रवार खूब चौका-छक्का लगाया। दरअसल बच्चों ने क्रिकेट मैच का आयोजन किया था। इस मैच के दौरान बच्चों ने खूब आनंद उठाया। मुख्य रूप से राजू, दीपक, राजेश, कल्लू, संतोष, प्रदीप, प्रिंस, छोटू, मोनू, सहित अन्य बच्चे शामिल रहे।