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शिक्षकों का मूल्यांकन कर सकेंगे विद्यार्थी

जागरण संवाददाता, वाराणसी : काशी ¨हदू विश्वविद्यालय में गुरुवार को हुई विद्वत परिषद (एकेडमिक काउंस

By Edited By: Published: Fri, 17 Apr 2015 01:32 AM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2015 01:32 AM (IST)
शिक्षकों का मूल्यांकन कर सकेंगे विद्यार्थी

जागरण संवाददाता, वाराणसी : काशी ¨हदू विश्वविद्यालय में गुरुवार को हुई विद्वत परिषद (एकेडमिक काउंसिल) की बैठक में कई अहम फैसले किए गए। इन फैसलों के तहत अब बीएचयू के विद्यार्थी अपने शिक्षकों का मूल्यांकन कर सकेंगे।

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विज्ञान संकाय के व्याख्यानकक्ष संकुल में हुई बैठक में सदस्यों के समक्ष मूल्यांकन का प्रारूप भी पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए प्रस्तुत किया गया। सदस्यों ने सुझाव भी दिए। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षण एवं शोध में पारदर्शिता एवं गुणवत्ता लाने के लिए दृष्टि मूल्यांकन प्रस्ताव लाया गया है।

भरे जाएंगे शिक्षकों के रिक्त पद

प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि अगले चार महीने में विवि में शिक्षकों के सभी रिक्त पद भर दिए जाएंगे। पूर्व में बनाए गए भर्ती नियम सरल किए गए हैं। इसके तहत अब शिक्षक पद के लिए अभ्यर्थी को सीधे चयन मंडल के समक्ष प्रस्तुति देनी होगी। संकाय स्तर पर समिति द्वारा सिर्फ स्क्रीनिंग व शार्ट लिस्टिंग की जाएगी।

'भारत अध्ययन केंद्र' जरूरी

प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि भारत सदैव से विश्वगुरु माना जाता रहा है। वसुधैव कुटुंबकम व 'सर्वे भवंतु सुखिन' का मार्ग भारत ने ही विश्व को दिखाया है। भारत पर सोचने-समझने, शोध व शिक्षण के लिए विवि में 'भारत अध्ययन केंद्र' बनाने की जरूरत है। कहा कि नदियों व जल संसाधनों के संबंध में अध्ययन के लिए 'इंस्टीट्यूट ऑफ रीवर डेवलपमेंट एण्ड वाटर रिसोर्स' स्थापित किया जाएगा। देशज व अनौपचारिक ज्ञान संरक्षण, संवर्धन व डाक्यूमेंटेशन आदि की भी जरूरत है। बताया कि भविष्य में विवि में स्थापित होने वाले केंद्रों, संस्थानों व नए विभागों को सृजित करने संबंधी प्रस्तावों पर विमर्श के लिए स्टैंडिंग कमेटी बनेगी। 26 अप्रैल को होने वाले दीक्षांत समारोह में दिए जाने वाले मेडलों, पुरस्कारों संबंधी विभिन्न संकायों के प्रस्तावों को भी अनुमोदित किया गया। प्रो. एके श्रीवास्तव, प्रो. आरजी सिंह सहित परिषद के अन्य सदस्य उपस्थित थे। कुलसचिव डा.केपी उपाध्याय मंचासीन थे। संयोजन संयुक्त कुलसचिव (शिक्षण) डा. मनोज कुमार पांडेय ने किया।


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