हमें तो हरीश जी ने ही जोड़ा था जनसंघ से
वाराणसी : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तरह पूर्व वित्तमंत्री हरिश्चंद्र श्रीवास्तव हरीश
वाराणसी : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तरह पूर्व वित्तमंत्री हरिश्चंद्र श्रीवास्तव हरीश जी के संबोधन का अंदाज भी बेहद आकर्षक था। दिल्ली में भी हजारों लोग उनको सुनने आते थे। हरीश जी ने ही हमें जनसंघ से जोड़ा जो बाद में भारतीय जनता पार्टी के रूप में सामने आई।
यह बातें गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को निवेदिता शिक्षा सदन में आयोजित शोकसभा में कहीं। उन्होंने हरीश जी के साथ गुजरे पल को स्मृतियों के तौर पर लोगों के समक्ष रखा। कहा, जब हरीश जी जनसंघ के प्रदेश संगठन महामंत्री हुआ करते थे तो मैं मीरजापुर में शिक्षक के साथ ही संघ की जिम्मेदारियों को संभालता था। एक दौरे के दौरान हरीश जी का मीरजापुर में आना हुआ तो उन्होंने मेरे कार्य की सराहना की और आगे चलकर जनसंघ से जोड़ने के लिए शीर्ष नेतृत्व के समक्ष प्रस्ताव रखा।
हरीश जी पर किताब लिखें
श्री सिंह ने शोकसभा में काशी के विद्वानों से हरीश जी पर किताब लिखने के लिए अपील की। कहा, यहां विद्वानों की कमी नहीं है। हरीश जी का व्यक्तित्व अनोखा है। वह पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता थे। अंत समय तक पार्टी के नीति व सिद्धांतों के साथ ही कार्यवाहियों में भी शिरकत करते रहे। उनके जीवन पर आधारित किताब को पढ़कर न सिर्फ भाजपा वरन अन्य पार्टियों के कार्यकर्ता भी दल के प्रति निष्ठा के लिए प्रेरित होंगे और संगठन में रहकर कैसे कार्य किया जाता है, इसकी भी समझ विकसित होगी। श्री सिंह ने घर पहुंचकर विधायक ज्योत्सना श्रीवास्तव व उनके पुत्र भाजपा नेता सौरभ श्रीवास्तव को सांत्वना दी।
नेत्रदान को बताया महान कार्य
श्री सिंह ने कहा कि हरीश जी ने अपनी दोनों आंखें दान कर दी है जिससे दो लोगों की अंधेरी दुनियां में उजाला बिखरेगा। उन्होंने हरीश जी को महान व्यक्ति बताया। शोक सभा में सांसद छोटेलाल खरवार, महेंद्रनाथ पांडेय, विधायक श्यामदेव राय चौधरी, रवींद्र जायसवाल, केदारनाथ सिंह, समीर सिंह, अशोक पांडेय, सुधीर मिश्र, कल्लू मिश्र, लालचंद्र कुशवाहा, देवानंद सिंह, संजय भारद्वाज, पियुष वर्धन, भूपेंद्र प्रताप सिंह, अनिल त्रिपाठी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। अध्यक्षता महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि व संचालन विद्यासागर राय ने की।