केंद्र सीधे करेगा काशी का विकास
जागरण संवाददाता, वाराणसी : काशी के विश्वस्तरीय विकास को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कितने गंभी
जागरण संवाददाता, वाराणसी : काशी के विश्वस्तरीय विकास को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा विरासत शहर विकास एवं उन्नति योजना (हृदय) से लगाया जा सकता है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार स्वयं ही काशी का विकास करेगी। योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार या स्थानीय प्रशासन के सहयोग की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। योजनाओं का प्रस्ताव बनाने के लिए तकनीकी सलाहकार भी केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त होंगे जिनकी दक्षता अन्तरराष्ट्रीय स्तर की होगी। नये वर्ष की शुरुआत के साथ ही विकास कार्यो के आकार लेने की उम्मीद है।
यह जानकारी केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रवीण प्रकाश ने बुधवार को नगर निगम में अनौपचारिक वार्ता में दी। इससे पूर्व उन्होंने करसड़ा स्थित कूड़ा प्रसंस्करण प्लांट, रमना कूड़ा डंपिंग क्षेत्र, गोइठहां स्थित प्रस्तावित एसटीपी का निरीक्षण भी किया। बताया कि किसी भी शहर का विकास, केंद्र सरकार द्वारा दो माध्यमों से कराया जाता है।
पहला-केंद्र पुरोनिधानित परियोजना
इसके तहत केंद्र, ऐतिहासिक महत्व रहने वाले किसी भी शहर को राष्ट्रीय महत्व का बताते हुए उसे संरक्षित व विकसित करने के लिए सीधे कार्य कर करता है। योजना बनाने, क्रियान्वयन करने के लिए राज्य सरकार या स्थानीय जिला प्रशासन से अनुमति नहीं लेनी पड़ती। इतना ही नहीं, योजनाओं का बजट भी केंद्र सरकार सीधे उस कार्यदायी संस्था को निर्गत करती है जिसे काम की जिम्मेदारी दी जाती है।
दूसरा-केंद्र प्रायोजित परियोजना
इसके तहत किसी शहर के विकास की योजना बनाने व उसके क्रियान्वयन में राज्य सरकार व स्थानीय प्रशासन की अनुमति लेनी होती है। इसके बजट में केंद्र सरकार के साथ ही राज्य व स्थानीय प्रशासन की हिस्सेदारी भी होती है। जैसा कि शहर में जेएनएनयूआरएम के तहत हो रहा है। इसमें केंद्र की हिस्सेदारी ज्यादा है लेकिन राज्य सरकार व स्थानीय प्रशासन के पास क्रियान्वयन की जिम्मेदारी है।
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काशी के विकास की चार योजनाएं
संयुक्त सचिव प्रवीण प्रकाश ने बताया कि काशी के विकास के लिए फिलहाल चार योजनाएं तैयार हैं जो क्रमश: हृदय योजना, स्मार्ट सिटी के तहत विकास, जेएनएनयूआरएम के कार्यो को जनोपयोगी बनाना व स्वच्छता है।
1-हृदय योजना : इसके तहत धरोहरों का संरक्षण व पर्यटन के दृष्टिगत विकास करना है। इसमें ऐतिहासिक धरोहरों का जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण के साथ ही साफ-सफाई व सुगम यातायात पर जोर दिया जा रहा है। इस योजना के प्रथम चरण में विकास कार्य के क्रियान्वयन को 80 करोड़ का बजट भी निर्गत हो गया है।
2-स्मार्ट सिटी बनारस : स्मार्ट सिटी की योजना देश में पहली बार आकार ले रही है। एक सौ शहरों को विकासित करने की योजना है, काशी का विकास प्राथमिकता पर है। अन्तरराष्ट्रीय स्तर की ऐतिहासिक सिटी की तर्ज पर विकास व काशी की मौलिकता को बरकरार रखते हुए विस्तार की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। सुगम यातायात के तहत मेट्रो समेत अन्य दु्रत गति सेवाएं व उत्तम पार्किंग प्रबंधन, हाईटेक संचार, मुकम्मल सेनिटेशन सिस्टम के साथ दौड़ती जिंदगी की सारी सुविधाएं उपलब्ध कराना योजना में शामिल है।
3-जेएनएनयूआरएम योजनाएं
तीसरी योजना शहर में क्रियान्वित जेएनएनयूआरएम योजनाओं को पूरी कर जनोपयोगी बनाना है। इसके लिए बजट के साथ ही अन्य बाधाओं को केंद्र दूर करेगा। संसाधन व तकनीकी विशेषज्ञों का सहयोग भी केंद्र की ओर से दिया जाएगा।
4- साफ-सुथरा, चमचमाता शहर
काशी के विकास में स्वच्छता अहम विषय है। इसके लिए अलग से खाका खींचा जा रहा है। मौजूद संसाधनों पर प्लांटों के अलावा और क्या-क्या जरूरत है, जिससे काशी शहर को स्वच्छ रखा सके, योजना में उसे शामिल कर मूर्तरूप देने की तैयारी है। करसड़ा प्लांट संचालन के साथ ही छोटे-छोटे कूड़ा प्रसंस्करण प्लांट लगाने की योजना है।