डीरेका को निगम बनाने की प्रक्रिया शुरू
जागरण संवाददाता, वाराणसी : रेलवे में शत-प्रतिशत एफडीआइ का प्रभाव दिखने लगा है। भारत के एकमात्र डी
जागरण संवाददाता, वाराणसी : रेलवे में शत-प्रतिशत एफडीआइ का प्रभाव दिखने लगा है। भारत के एकमात्र डीजल रेल इंजन कारखाना को निगम बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नई दिल्ली से मंगलवार को उच्चस्तरीय रेलवे पुनर्गठन समिति के अध्यक्ष समेत कई सदस्य डीरेका पहुंचे। कारखाना समेत कई कार्यालयों का सर्वे किया। आला अधिकारियों के साथ बैठक भी की।
कमेटी ने ली राय
महाप्रबंधक कार्यालय मे कमेटी ने एक बैठक आयोजित कर कर्मचारी परिषद व श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों से सुझाव मांगे। कर्मचारियों की ओर से कहा गया कि भारत में जहां भी औद्यौगिक इकाइयों को निगम या निजीकरण किया गया, उनके हालात बदतर हुए। इसका लाभ सिर्फ पूंजीपतियों को मिला है।
बैठक में कमेटी के अध्यक्ष डा. विवेक देव राय, सदस्य गुरुचरण दास, प्रो पार्थ मुखोपाध्याय, राजीव नारायण, संजय चड्ढा, डीरेका के जीएम राजीव विश्नोई, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर एके सिंह, मुख्य कार्मिक अधिकारी अर्जुन ताबियार समेत श्रमिक संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थ।
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निगम या निजीकरण बर्दाश्त नहीं
डीरका को निगम बनाना, पीपीपी के तहत देना या निजीकरण, किसी भी कर्मचारी को बर्दाश्त नहीं है। निगम बनाने की शुरू की गई प्रक्रिया का विरोध किया गया। अब भी सरकार नहीं चेती तो एकमात्र आंदोलन का रास्ता बचता है।
-अमर सिंह, नरेंद्र मिश्र, वीएन दुबे, प्रदीप यादव, औरंगजेब खान, विष्णु देव दुबे, पन्नालाल, सुशील सिंह।
डीरेका कर्मचारी परिषद, वाराणसी
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हर स्तर पर होगा विरोध
डीएलडब्ल्यू मजदूर संघ हर स्तर पर विरोध करेगा। डीरेका में निर्मित इंजन विदेशों में निर्यात किए गए हैं। इससे दुनिया में भारत का गौरव बढ़ा है। ऐसी इकाई को निगम बनाना विवेकपूर्ण फैसला नहीं कहा जाएगा।
-अविनाश पाठक
मीडिया प्रभारी, मजदूर संघ।