इतिहास तो किसी का भूगोल गायब
जागरण संवाददाता, वाराणसी : पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि किसी का इतिहास है तो उसका भूगोल
जागरण संवाददाता, वाराणसी : पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि किसी का इतिहास है तो उसका भूगोल गायब है और किसी का भूगोल है तो उसका इतिहास गायब है। शिक्षण संस्थाओं में उदय प्रताप कालेज ऐसा है, जिसका इतिहास भी है और भूगोल भी। उदय प्रताप कालेज पूर्वाचल का आन बान शान है।
वह मंगलवार को यूपी कालेज के 105वें स्थापना दिवस समारोह में बोल रहे थे। बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि राजर्षि जू-देव ने शिक्षा के माध्यम से बच्चों को संस्कारित करने का सपना देखा था। वह कालेज के छात्रों, अध्यापकों व कर्मचारियों की सोच में दिखाई देता है। ऐसे में आप सभी राजर्षि के मानस पुत्र हैं। हमें भी लक्ष्य प्राप्ति के लिए राजर्षि की भांति बड़े सपने देखने चाहिए। विशिष्ट अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. डी.पी सिंह थे। अध्यक्षता प्रो. कीर्ति सिंह ने की। विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन संस्था के सचिव यूएन सिन्हा ने प्रस्तुत किया। शुभारंभ मंगलाचरण व दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इस मौके पर रानी मुरार कुमारी बालिका विद्यालय की छात्राओं ने विद्यालय का कुलगीत प्रस्तुत किया व नृत्य के माध्यम से काशी दर्शन की मनोहारी प्रस्तुति भी की। स्वागत संयुक्त सचिव डा. अनुज प्रताप सिंह, संचालन संयुक्त रूप से मेजर डा. अरविंद कुमार सिंह व डा. सुनंदा दूबे तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य डा. नरेंद्र प्रताप सिंह ने किया।
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विभिन्न प्रतिभागी पुरस्कृत
कालेज में पिछले एक सप्ताह से अन्तर छात्रावासीय व डेलीगेसी सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं चल रही थीं। इन प्रतियोगिताओं का समापन मंगलवार को हुआ। स्थापना दिवस समारोह में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। इस दौरान इण्टर स्वच्छता प्रतियोगिता में छात्रावास नौ अव्वल रहा। सास्कृतिक प्रतियोगिताओं में छात्रावास-छह के विद्यार्थियों को चैंपियन का खिताब मिला। इस क्रम में महाविद्यालयीय सांस्कृतिक प्रतियोगिता में छात्रावास-तीन चैंपियन रहा। डेलीगेसी सांस्कृतिक प्रतियोगिता में कला वर्ग, स्वच्छता में आरएसएमटी की छात्राएं अव्वल रहीं।
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ये हुए सम्मानित
कालेज से सेवानिवृत्त अध्यापकों व कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया। सम्मानित होने वाले अध्यापकों में रामनवल सिंह, डा. पद्माकर सिंह, डा. धन सिंह रावत, श्री लल्लन प्रसाद सिंह, डा. रामसुधार सिंह, भानु स्वरूप मिश्रा, राजेश प्रसाद सिंह व अमरनाथ सिंह शामिल हैं। कर्मचारियों में श्रीप्रताप सिंह, राधेश्याम यादव, बसंतलाल, शिवप्रसाद व श्रीराम सिंह हैं।