धान कारोबारी ने किया था दुर्गेश का अपहरण
वाराणसी : सासाराम (बिहार) के सर्राफा कारोबारी दुर्गेश सेठ के अपहरण का मुख्य आरोपी रविवार को क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ गया। मीरजापुर के धान कारोबारी मुख्य आरोपी ने दुर्गेश के परिजनों से 50 लाख की फिरौती की मांग की थी। यह खुलासा क्राइम ब्रांच ने किया है। क्राइम ब्रांच ने दुर्गेश सेठ के मुख्य अपहरणकर्ता मीरजापुर के प्रदीप कुमार जायसवाल को गिरफ्तार कर लिया हे।
क्राइम ब्रांच के मुताबिक दुर्गेश को अपहरण के बाद अपहरणकर्ता उसे मोहनिया लेकर चले गए थे और वहां से ही दुर्गेश के परिजनों से 50 लाख की फिरौती की मांग की थी। एक सितम्बर को अलीनगर के समीप से सर्राफा कारोबारी का अपहरण बनारस आते वक्त किया गया था। दुर्गेश की कार बीएचयू अस्पताल के लंका गेट पर मिली थी और गाड़ी के अंदर खून के छींटे मिले थे। उस वक्त पुलिस और परिजन किसी अनहोनी की आशंका के बाद दुर्गेश की तलाश में जुट गए थे। क्राइम ब्रांच ने अपहरण के तीन दिन बाद ही दुर्गेश को सकुशल बरामद करते हुए दो युवतियों को पकड़ा था जबकि दो अन्य आरोपी फरार थे। शनिवार देर रात को क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह चंदेल को सूचना मिली कि दुर्गेश अपहरण कांड का मुख्य आरोपी प्रदीप जायसवाल निवासी मीरजापुर कौशलेस नगर लंका में मौजूद है। घेरेबंदी कर प्रदीप को मौके से पकड़ लिया, उसके पास से एक तमंचा कंट्रीमेड 315 बोर, दो कारतूस बरामद किया है। प्रदीप ने पूछताछ में बताया कि उसने दुर्गेश का अपहरण बिजनेस में हुए घाटे से खुद को उबारने के लिए किया था। धान कारोबार में उसे 22 लाख रुपये का नुकसान हुआ था। इसी नुकसान की भरपाई के लिए उसने दुर्गेश के अपहरण की योजना बनाते हुए दो युवतियों को दुर्गेश को अपने प्यार में फंसाकर बनारस बुलाने को कहा। युवतियों ने ऐसा ही किया और प्रदीप की ओर से उपलब्ध कराये गए सिमकार्ड और सेलफोन की मदद से दुर्गेश को बुलाकर उसके अपहरण में उसका साथ दिया। प्रदीप ने बताया है कि उसने दुर्गेश का अपहरण करने के बाद उसे मोहनिया में एक अंधेरे कमरे में आंखों पर पट्टी बांधकर रखा था। इस बीच उसने दुर्गेश के परिवार से 50 लाख की फिरौती भी मांगी लेकिन रुपये मिलने से पहले क्राइम ब्रांच ने छापा मार दिया। मौके से दुर्गेश और दोनों लड़कियां मिल गईं जबकि वह भाग निकला।