पूर्व प्राचार्य समेत 16 को उम्रकैद
वाराणसी : सूखा पेड़ कटवाने के विवाद में ग्यारह साल पूर्व एक अधिवक्ता की हुई हत्या के मामले में सोमवार को अदालत ने पूर्व प्राचार्य समेत सोलह अभियुक्तों को आजीवन कारावास एवं 30- 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अपर जिला जज (एकादश) डी डी ओझा की अदालत ने इन अभियुक्तों से अर्थदंड की धनराशि वसूल किए जाने पर आधी धनराशि मृतक के विधिक प्रतिनिधि एंव घटना में जख्मी लोगों को बतौर क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया। अदालत ने इस मामले के पांच अन्य दोषी करार अभियुक्तों की सजा पर सुनवाई के लिए चार सितंबर की तिथि नियत की है। अदालत में अभियोजन पक्ष की पैरवी डीजीसी अनिल कुमार सिंह व एडीजीसी ओंकारनाथ गिरि ने की।
अभियोजन पक्ष के अनुसार चौबेपुर क्षेत्र के देवलपुर खुटहना गांव में 14 दिसंबर 2003 को सूखा पेड़ कटवाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था। इस विवाद में संस्कृत महाविद्यालय के पूर्व प्रार्चाय दीनानाथ पांडेय उनके पुत्र दुर्गेश, व अजय पांडेय, तीन भाई उमेश नाथ पांडेय, रमेश नाथ पांडेय बृजेश पांडेय, संतोष कुमार पाल, अशोक पाल, गणेश पाल, शोभा पाल, मुन्दर पाल, जगरनाथ पाल, रामचंदर पाल, राजेश पाल, राजेंद्र पाल, रामजनम पाल, रिंकू व सतीश पाल, ने एकमत होकर ज्ञानेश्वर पांडेय व उनके चाचा बच्चन पांडेय तथा अन्य लोगों पर लाठी डंडा व धारदार हथियार से हमला कर दिया। इस हमले में गंभीर रुप से जख्मी हुए अधिवक्ता बच्चन पांडेय की मौत हो गई थी जबकि कई लोग जख्मी हुए थे। अदालत ने इस हमले में शामिल इन सभी अभियुक्तों को दोषी पाया।
सजा पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता की ओर से दलील दी गई कि 14 सितंबर 2003 को घटना के वक्त दोषी करार पांच अभियुक्त दुर्गेश पांडेय, संतोष पाल, अशोक पाल, मुन्दर पाल व रिंकू पाल उर्फ अमित नाबालिग थे। ऐसी स्थिति में इनकी पत्रावली बाल न्यायालय भेजना न्यायोचित होगा। अभियोजन पक्ष ने बचाव पक्ष की इस अपील पर आपत्ति की। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात इन पांचों अभियुक्तों के खिलाफ सुनवाई के लिए चार सितंबर की तिथि निर्धारित कर दी। शेष 16 अभियुक्तों दीनानाथ पांडेय, अजय पांडेय, उमेश नाथ पांडेय, रमेश नाथ पांडेय, बृजेश पांडेय, राम प्रसाद पाल, रामचंदर पाल, राजेश पाल, जगरनाथ पाल, गणेश पाल, महेश पाल,शोभा पाल, रामजनम पाल, सतीश पाल, रामराज पाल, व राजेंद्र पाल को उम्रकैद एवं अर्थदंड से दंडित किया।