पूर्व प्राचार्य समेत 21 दोषी करार
वाराणसी : सूखा पेड़ कटवाने के विवाद में एक अधिवक्ता की हत्या करने के मामले में शनिवार को अदालत ने संस्कृत महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य समेत 21 अभियुक्तों को दोषी करार दिया। अपर जिला जज (एकादश) डीडी ओझा की अदालत ने दोषी करार इन अभियुक्तों के खिलाफ सजा निर्धारण के लिए एक सितंबर की तिथि तय की है। अदालत ने सभी अभियुक्तों को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया।
अदालत ने इसी विवाद से जुड़े क्रास मुकदमे में तीन अभियुक्तों को गंभीर चोट पहुंचाने के आरोप में दोषी पाते हुए उन्हें दंडित किया। यह मामला चौबेपुर थाना क्षेत्र के देवलपुर खुटहना गांव का है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 14 दिसंबर 2003 को अपराह्न तीन बजे गांव के बगीचे में एक सूखा पेड़ कटवाने को लेकर विवाद हो गया। इसमें गांव निवासी पूर्व प्राचार्य दीनानाथ पांडेय, उनके पुत्र दुर्गेश व अजय कुमार पांडेय, तीन सगे भाइयों रमेश नाथ पांडेय, उमेश नाथ पांडेय व बृजेश कुमार पांडेय, संतोष कुमार पाल, अशोक पाल, गणेश पाल, महेश पाल, शोभा पाल, मुन्दर पाल, जगरनाथ पाल, रामचंदर पाल, राजेश पाल, राजेंद्र पाल, रामजन्म पाल, सतीश पाल, रामराज पाल, रामप्रसाद पाल व रिंकू पाल ने एकमत होकर ज्ञानेश्वर पांडेय उनके चाचा बच्चन पांडेय, रमाकांत पांडेय, काशीनाथ पांडेय तथा अन्य लोगों पर लाठी-डंडा व धारदार हथियार से हमला कर दिया। इस हमले में गंभीर रूप से जख्मी पेशे से वकील बच्चन पांडेय की मौत हो गई। इस मामले में ज्ञानेश्वर पांडेय ने इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अदालत ने सभी को दोषी पाया। इस विवाद में अजय कुमार पांडेय ने ज्ञानेश्वर पांडेय, अवधनाथ पांडेय व रमाकांत पांडेय के खिलाफ भी मारपीट कर गंभीर चोट पहुंचाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अदालत ने इन तीनों को दोषी पाते हुए पांच-पांच वर्ष के सश्रम कारावास व पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत में अभियोजन पक्ष की पैरवी डीजीसी अनिल कुमार सिंह व एडीजीसी ओंकार नाथ गिरि ने की।