बहन धरा के नजदीक होंगे चंदा मामा
वाराणसी : सावन पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन पर चंदा मामा भी बहन धरा (धरती) से मिलने का लोभ संवरण नहीं कर पाएंगे। वे भी अंतरिक्ष में घूमते हुए इस दिन धरती के न सिर्फ करीब पहुंचेंगे जाएंगे बल्कि उनकी चमक भी बढ़ जाएगी। 10 अगस्त रविवार को सावन की पूर्णिमा है और इसी दिन रक्षाबंधन का पर्व भी है। यह अद्भुत संयोग है कि इस खास मौके पर ही दिखेगा सुपरमून यानी चंद्रमा और धरती के बीच दूरी कम हो जाएगी। स्वाभाविक है कि जब चंदा मामा धरती के करीब आएंगे तो उनका आकार बढ़ा दिखेगा और चमक भी बढ़ जाएगी।
बढ़ी महसूस होगी चमक : भौतिक विभाग आइआइटी बीएचयू के प्रो. बीएन द्विवेदी कहते हैं कि धरती से चंद्रमा की दूरी औसतन 3,84,400 किलोमीटर है लेकिन वह अपने परिपथ पर परिक्रमा करते हुए 10 अगस्त को ऐसी जगह पहुंचेंगे जहां से उनकी और धरती के बीच दूरी होगी लगभग 3,56,984 किलोमीटर। इस प्रकार धरती से उनकी दूरी में आ जाएगी लगभग 27,416 किलोमीटर की कमी। इससे उनका आकार बढ़ा हुआ दिखेगा और चमक भी 30 फीसद बढ़ी हुई महसूस होगी।
चंद्रमाह अवधि में भी वृद्धि : प्रो. द्विवेदी कहते हैं कि चंद्रमाह औसतन 29 दिन 12 घंटा और 44 मिनट का होता है लेकिन इस बार का चंद्रमाह (25 अगस्त से 24 सितंबर) 29 दिन 16 घंटे और एक मिनट का होगा। जो औसत से तीन घंटा 17 मिनट अधिक होगा।
सदी का लंबा चंद्रमाह : प्रो. द्विवेदी बताते हैं कि इस सदी का सबसे लंबा चंद्रमाह दिसंबर 2017 से जनवरी 2018 को होगा। इस दौरान अवधि होगी 29 दिन, 19 घंटा और 47 मिनट जो औसत से सात घंटे तीन मिनट अधिक होगी।