पूर्व विभागाध्यक्ष सहित पांच को नोटिस
वाराणसी : राजभवन के कड़े रूख के बाद महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन इतिहास विभाग के शोध दाखिले में अनियमितता के मामले में पूर्व विभागाध्यक्ष सहित पांच को नोटिस दी है। कुलसचिव डा. एसएल मौर्य से15 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है।
कुलसचिव ने बताया कि पूर्व विभागाध्यक्ष सहित अन्य चार कर्मचारियों से यह पूछा गया है कि किन परिस्थितियों में अनियमित शोध दाखिले किए गए। इस क्रम में इतिहास विभाग के तत्कालीन अध्यक्ष, यूजीसी सेल के तत्कालीन अधीक्षक, शुल्क काउंटर सहित अन्य कर्मचारियों से जवाब मांगा गया है। ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय प्रशासन पर सत्र 2006-07 तथा 2007-08 में अनियमित तरीके से इतिहास विभाग में 91 शोधार्थियों का पंजीकरण करने का आरोप है। छात्रों ने इसकी शिकायत कुलाधिपति से भी की थी। राजभवन ने इसे गंभीरता से लेते हुए इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन से जवाब तलब किया था। दूसरी ओर कुछ छात्र इस मामले को लेकर कोर्ट चले गए। चारों तरफ से घिर जाने के बाद विश्वविद्यालय की तीन फरवरी की कार्यपरिषद ने पूर्व विभागाध्यक्ष सहित पांच लोगों को नोटिस देने का निर्देश दिया। साथ ही एक सेवानिवृत्त कर्मचारी का पेंशन रोकने का भी निर्णय लिया गया था। इतना ही नहीं कार्यपरिषद ने इन शोधार्थियों का दाखिला भी निरस्त कर दिया। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन को आरोपियों को नोटिस देने में ढाई माह लग गए।
पुन: शिकायत पर ढाई
माह बाद नोटिस
कार्यपरिषद के निर्देश के बावजूद आरोपियों को नोटिस देने का मामला फाइल में दब गया था। इसे देखते हुए छात्रों ने इसकी शिकायत पुन: राजभवन से की। इस पर कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय प्रशासन से 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा। सूत्रों के अनुसार इस क्रम में ही आरोपियों को ढाई माह बाद नोटिस जारी किया गया है।