शांति स्थल की राह में गड्ढे
वाराणसी : विश्व फलक पर सारनाथ शांति स्थल के रूप में पहचाना जाता है। वजह है कि यहीं पर भगवान बुद्ध ने अपने पांच शिष्यों को प्रथम उपदेश दिया दिया था लेकिन वर्तमान के हालात यह हैं कि शांति की राह में गड्ढे ही गड्ढे हैं। हालात इतने विषम हैं कि एक बारगी सारनाथ को जाने वाले शरीर की दुर्दशा देख दोबारा फिर जाने का नाम नहीं लेते।
बता दें कि पांडेयपुर से आशापुर को जाने वाली सड़क जो राज्य मार्ग है। आशापुर चौराहे से एक रास्ता सारनाथ को जाता है तो दूसरा गाजीपुर को। खास यह कि इस सड़क को बने एक साल से अधिक हो गया लेकिन गढ्डा मुक्त नहीं हो सका। हालांकि एक बारगी सड़क का अनौपचारिक निर्माण अर्थात चक्ती-प्योना लगा कर दुरुस्त करने की कवायद की गई लेकिन भारी वाहनों के चलते फिर से ध्वस्त हो गई। इस बाबत हाईवे अथारिटी ने सीवरेज कार्य कर रही संस्था गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई को पत्र लिखकर अनियमितता की ओर संकेत भी किए हैं लेकिन सुधार नहीं हुआ।
इस मार्ग का क्या है महत्व
जनपद में यह मार्ग बेहद महत्वपूर्ण है। वजह है कि सारनाथ में देश-विदेश से पर्यटक भारी तादाद में आते हैं जो इन सड़कों को देख दंग रह जाते हैं। इतना ही नहीं फोटो भी खींच कर ले जाते हैं। इससे विश्व पटल पर बनारस की बदनामी भी होती है।
सड़क खोदाई से हुई दुर्दशा
बीते तीन सालों से नगर में सीवरेज कार्य के लिए सड़क की खोदाई हो रही है। इसी क्रम में इस मार्ग पर भी खोदाई कार्य हुआ था। हालांकि इस कार्य को पूरा हुए दो साल हो गए लेकिन सड़क दुरुस्त नहीं हुई।