अब अध्यापकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा आसान नहीं
वाराणसी : स्ववित्तपोषित कालेजों में अध्यापकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़े को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। इसके चलते अब नेट सर्टिफिकेट का ऑनलाइन सत्यापन कराया जा रहा है। इतना ही नहीं अब चयन समिति के सदस्यों के अलावा अभ्यर्थियों की भी फोटो कराई जा रही है ताकि वास्तविक अभ्यर्थियों की पहचान हो सके। ऐसे में अब अध्यापकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा आसान नहीं है।
प्रबंधतंत्र के मिली भगत से कई स्ववित्तपोषित कालेजों में वास्तविक नियुक्त अध्यापक के स्थान पर दूसरे लोग पढ़ा रहे हैं। ऐसे में अब वास्तविक अध्यापकों के पहचान के लिए साक्षात्कार के समय ही उनकी फोटो कराई जा रही है। चयन समिति के सदस्यों की भी फोटो ली जा रही है, ताकि इस तरह के फर्जीवाड़े को रोका जा सके। दूसरी ओर नए सत्र शुरू होने के पहले स्ववित्तपोषित कालेजों में मानक के अनुसार अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में इन दिनों प्रतिदिन चयन समिति बुलाई जा रही है।
चयन समिति के सदस्य
अध्यापकों की नियुक्ति चयन समिति के माध्यम से किया जाता है। इसमें कालेज का अध्यक्ष, कुलपति द्वारा नामित दो विशेषज्ञ, संबंधित कालेज का प्राचार्य तथा प्राचार्य द्वारा नामित एक सदस्य होता है।