54 हजार निर्माण मजदूरों को फिर कराना होगा पंजीकरण
जागरण संवाददाता, उन्नाव : जिले में निर्माण सन्निकार श्रमिक के रूप में 54 हजार मजदूरों का पंजीकरण है।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : जिले में निर्माण सन्निकार श्रमिक के रूप में 54 हजार मजदूरों का पंजीकरण है। इनमें अधिकांश मनरेगा मजदूर हैं। निर्माण श्रमिक के रूप में पंजीकरण के लिए एक वर्ष में कम से कम 50 दिन काम करना अनिवार्य था। भारत सरकार ने इस नियम में परिवर्तन कर अब 90 दिन काम करने वालों का पंजीकरण करने का आदेश जारी कर दिया है। इससे श्रम विभाग में पंजीकृत 54 हजार निर्माण श्रमिकों को पुन: पंजीकरण कराना होगा। इससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
उधर, निर्माण श्रमिकों को पंजीकरण के लिए यह छूट भी मिली है कि अगर मनरेगा में 90 दिन पूरे नहीं हुए हैं और उन्होंने किसी पंजीकृत निर्माण एजेंसी के अधीन निर्माण कार्य किया है तो उस अवधि का भी लाभ दिया जाएगा।
16 हजार श्रमिकों मिला है लाभ : सहायक श्रमायुक्त के अनुसार जिले में 54 हजार निर्माण श्रमिकों का पंजीकृत हैं। इनमें 16 हजार श्रमिकों को शिशु हित लाभ योजना, मातृत्वहित लाभ, बालिका मदद, अक्षमता पेंशन, दुर्घटना सहायता, पुत्री विवाह अनुदान, मृत्यु एवं अंत्येष्टि सहायता, कौशल विकास तकनीकी, आवास सहायता योजना, पेंशन, साइकिल सहायता, सौर ऊर्जा, गंभीर बीमारी सहायता, मेधावी छात्र योजना, मध्याह्न भोजन सहायता योजना आदि का लाभ दिया गया है। जिन निर्माण श्रमिकों को इन योजनाओं का लाभ दिया गया है उनमें 1876 मनरेगा के मजदूर शामिल हैं।
क्या बोले अधिकारी
निर्माण श्रमिकों को लाभ योजनाओं से वंचित नहीं किया गया है। योजना की शुरुआत में एक वर्ष में 90 दिन काम पर पंजीकरण का नियम लागू किया गया था। लेकिन बाद में कार्यावधि घटाकर 50 दिन कर दी गई थी। भारत सरकार ने 50 दिन काम पर पंजीकरण के आदेश को वापस ले पुन: 90 के काम पर पंजीकरण का नियम लागू कर दिया है। अगर किसी श्रमिक ने मनरेगा में या निजी फर्मों में काम किया है तो उन्हें कार्य दिवस का प्रमाण देना होगा तब पंजीकरण होगा। अगर कोई काम कर रहा है और निर्माण एजेंसी प्रमाण पत्र नहीं दे रही है तो श्रमिक विभाग को सूचना दें तो श्रम प्रवर्तन अधिकारी को भेजकर प्रमाण पत्र जारी कराया जाएगा। - एमके पाण्डेय, सहायक श्रमायुक्त।