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बंदिश बेमानी, बिक रहा प्रतिबंधित 'बम'

जागरण संवाददाता, उन्नाव : दीपावली त्योहार में पटाखा बाजार को जांच के नाम पर हरी झंडी द

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Oct 2017 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 18 Oct 2017 03:01 AM (IST)
बंदिश बेमानी, बिक रहा प्रतिबंधित 'बम'
बंदिश बेमानी, बिक रहा प्रतिबंधित 'बम'

जागरण संवाददाता, उन्नाव : दीपावली त्योहार में पटाखा बाजार को जांच के नाम पर हरी झंडी देकर फिट बताया जा चुका है। चौंकाने वाली बात यह है कि जांच के नाम पर खानापूर्ति ही की गई। पटाखा बाजार में सजी ऐसी कोई दुकान नहीं जहां मानकों का उल्लंघन न हो रहा हो। जान जोखिम में डालने वाला प्रतिबंधित सुतली बम भी धड़ल्ले से बिक रहा है। खरीददार मन मुताबिक बम खरीद रहे हैं, यह जांच का विषय है। हालांकि जांच करने वालों ने ही खुली छूट देकर मुसीबत को दावत दी है।

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आतिशबाजी बाजार में सुतली बम को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया था। सिटी मजिस्ट्रेट से लेकर अन्य पुलिस अधिकारियों ने कई बार स्टॉक और प्रतिबंधित आतिशबाजी की जांच भी की। रविवार को माखी पुलिस ने एक युवक को आतिशबाजी से भरी एक बोरी के साथ गिरफ्तार किया। युवक घर पर दुकान लगाकर आतिशबाजी बेचने जा रहा था। बोरी खोलने पर उसमें सुतली बम मिले। पूछताछ में उसने बताया कि वह अब्बासपुर स्थित पटाखा बाजार से यह सुतली बम खरीदकर लाया है। जब सुतली बम पर पाबंदी है तो यह बाजार में कैसे बिक रहे हैं यह बोलने को कोई तैयार नहीं है। एसपी नेहा पांडेय का कहना है कि बुधवार को गोपनीय टीम से इसकी जांच कराई जाएगी। सुतली बम जिन दुकानों में मिले उसका लाइसेंस रद कर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। संबंधित पुलिस कर्मियों से भी स्पष्टीकरण लिया जाएगा।

सुरक्षित जगह पर किया गया स्टॉक

वैसे तो आतिशबाज दुकान में सुतली बम की बिक्री न होने का दावा कर रहे हैं। हालांकि इसकी बिक्री का उन्होंने अलग तरह का फंडा अपनाया है। दुकान में एकांत जगह पर एक या दो बोरी प्रतिबंधित सुतली बम रखा जाता है। इसका बड़ा स्टॉक अन्य कहीं पर है। जहां से जरूरत के मुताबिक बम को दुकान पर लाया जाता है। मन मुताबिक रुपये मिलने पर यह थोक के भाव इसे चोरी छिपे बेच देते हैं। एक दो पैकेट लेने वालों को वापस कर दिया जा रहा है।

पुलिस की करनी होती सर्वाधिक सेवा

अब्बासपुर की पटाखा बाजार में एक दुकानदार से जब सुतली बम बेचे जाने पर पुलिस का डर न होने की बात कही गई तो उसने तुरंत जवाब दिया कि सर्वाधिक सेवा तो इसी विभाग की करनी होती है।


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