अजमत बढ़ाए मुल्क की वह शान चाहिए
- 'संस्कार भारती' का एकल काव्य पाठ
उन्नाव, निप्र : संस्था 'संस्कार भारती' द्वारा शनिवार को यहां गणेश मंडपम में पूर्वाह्न एकल काव्य पाठ का आयोजन हुआ जिसमें कवि व रचनाकार डॉ. एम.ए. बेग राही ने जाति व संप्रदायवाद की राजनीति के विकसित देश और समाज के लिए अभिशाप बताते हुए राष्ट्रवाद की अलख जगायी। श्री राही ने राष्ट्र को समर्पित रचना में कहा कि अजमत बढ़ाए मुल्क की वह शान चाहिए, कुरबान हो देश पर वह जान चाहिए। हिंदू चाहिए न मुसलमान चाहिए इंसान चाहिए जो हो वतन परस्त वो इंसान चाहिए। श्री राही के काव्य पाठ को श्रोताओं में भी खूब वाहवाही मिली।
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था के अध्यक्ष व साहित्यकार मोहन लाल मिश्र धीरज एडवोकेट ने दीप प्रज्ज्वलन व समाजसेवी डॉ. सुखदेव प्रसाद गुप्त के चित्र पर माल्यार्पण से किया। कवि जगन्नाथ वर्मा ने डॉ. गुप्त के जीवन आदर्श व राजनैतिक सेवा पर प्रकाश डाला। वाणी वंदना कर छंदकार रामलाखन द्विवेदी रसेंदु ने पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण को समाज के लिए लालिमा का परिणाम है अंधेरा, प्राची दिशा उषा के सिंदूर है तो हम हैं। युवा कवि अनुज तिवारी ने सामाजिक समरसता का संदेश गुंजाते हुए कहा कि प्रेम का यह दीप ऐसा ही जले रोशनी से जिंदगी फूल फले। कार्यक्रम के संयोजक सामाजिक कार्यकर्ता धनवंतरिदेव गुप्त ने कवि राही व अनुज तिवारी को रामचरित मानस भेंट कर सम्मानित किया। संस्था के संरक्षक रामचंद्र त्रिवेदी, क्रिकेट संघ के मंत्री पीके मिश्र, साहित्य परिषद के अतुल मिश्र, जयकृष्ण पांडे, वेद त्रिपाठी, केके मिश्र, कमर हुसेन, मधु सेंगर, रामदेव शुक्ल, शैलेंद्र त्रिवेदी, राजकुमार यज्ञसैनी आदि उपस्थित थे।
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