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एनजीटी का आदेश बना सिरदर्द

जागरण संवाददाता, उन्नाव : गंगा किनारे के सौ मीटर एरिया को नो डेवलपमेंट जोन व पांच सौ मीटर एरिया में

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jul 2017 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jul 2017 01:01 AM (IST)
एनजीटी का आदेश बना सिरदर्द
एनजीटी का आदेश बना सिरदर्द

जागरण संवाददाता, उन्नाव : गंगा किनारे के सौ मीटर एरिया को नो डेवलपमेंट जोन व पांच सौ मीटर एरिया में गंदगी फैलाने पर 50 हजार तक के जुर्माने का नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी की ओर से जारी किया गया निर्देश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। विभागीय अफसर गंगा में पानी बढ़ने और इस एरिया के सही तरह से तय न हो पाने से दोषियों पर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में यह आदेश अफसरों की परेशानी को बढ़ा रहा है।

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एनजीटी कोर्ट का गंगा में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर सख्ती करना और रोज नई गाइड लाइन जारी करना वैसे ही पहले से जिला प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ था। लेकिन बीते दिनों कोर्ट के हरिद्वार से उन्नाव के बीच के क्षेत्र को अति गंभीरता से लेते हुए गंगा नदी से सौ मीटर की दूरी को नो डेवलपमेंट जोन घोषित कर दिया है। ऐसे में एक ओर जहां गंगा किनारे व घाटों पर बने मकानों पर संकट छाया हुआ है वहीं दूसरी ओर नदी तट से पांच सौ मीटर दूरी तक कूड़ा फैलाने पर पचास हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान कर दिया है। कोर्ट की ओर से विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा गया है कि वह हर हाल में क्षेत्र की औद्योगिक इकाईयों से निकलने वाले प्रदूषित पानी व सीवरेज को गंगा में गिरने से रोकने के लिए हर प्रयास करें। ऐसा न करने पर कोर्ट ने संबंधित अफसरों पर कार्रवाई भी किए जाने की बात कही है। एनजीटी की सख्ती के बाद अब विभागीय अफसरों की नींद उड़ी हुई है। जिला प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के प्रभारी क्षेत्राधिकारी विकास मिश्रा ने बताया कि एनजीटी के जो भी निर्देश हैं उन पर पूरी तरह से अमल करते हुए काम शुरू कर दिया गया है। अभी नदी में बाढ़ आने से दूरी का दायरा तय करने में परेशानी हो रही है। लेकिन कोर्ट के आदेशानुसार विभागीय कर्मचारियों को काम करने को कह दिया गया है।


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