अस्पताल के बरामदे और टॉयलेट में बच्चे का जन्म
जागरण संवाददाता, उन्नाव : सुरक्षित प्रसव को लेकर स्वास्थ्य विभाग नि:शुल्क एंबुलेंस से लेकर दवा उपचा
जागरण संवाददाता, उन्नाव : सुरक्षित प्रसव को लेकर स्वास्थ्य विभाग नि:शुल्क एंबुलेंस से लेकर दवा उपचार तक की सुविधा दे रहा है। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रमों पर करोड़ों खर्च किया जा रहा है उसके बाद भी कभी समय पर एंबुलेंस न मिलने तो कभी स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से प्रसूताओं के जीवन के लिए खतरा बन जाती। सोमवार रात महिला जिला अस्पताल आई एक प्रसूता ने डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की अनदेखी के कारण शौचालय में बच्चे को जन्म दिया तो दूसरी ने समय से एंबुलेंस न पहुंचने और अस्पताल पहुंचाने के बाद उसे स्ट्रेचर पर लिटा ईएमटी चला गया पति भर्ती कराने के लिए भटकता रहा इस बीच प्रसूता ने अस्पताल बरामदे में ही बच्चे को जन्म दे दिया।
सदर कोतवाली के गांव दरियाईखेड़ा गांव निवासी प्रसूता संध्या पत्नी डाल ¨सह ने जिला अस्पताल के बरामदे में बच्ची को जन्म दिया। जबकि माखी थाना क्षेत्र गांव के नगवा गांव की रहने वाली प्रसूता गुड्डी पत्नी सरवन को पहला बच्चा महिला जिला अस्पताल के शौचालय में हुआ। इनमें संध्या के परिजनों ने अस्पताल लाने के लिए 102 एंबुलेंस को काल किया घंटों बाद एंबुलेंस पहुंची। ईएमटी उसे अस्पताल लाया लेकिन भर्ती न करा स्ट्रेचर पर लिटा वापस चला गया नतीजा निकला पति भर्ती कराने के लिए भटकता रहा और बरामदे में ही प्रसव को हो गया।
अनदेखी से शौचालय में प्रसव
महिला अस्पताल के शौचालय में बच्चे को जन्म देने वाली गुड्डी के पति सरवन निवासी नगवा माखी ने बताया कि सोमवार रात लगभग 9 बजे प्रसव पीड़ा होने पर उसे महिला अस्पताल में भर्ती कराया। डाक्टर ने एक बार देखकर सुबह तक प्रसव होगा कहकर उसे प्रसव कक्ष से बाहर कर दिया। मैटरनिटी कक्ष में लगभग 4 बजे तेज दर्द शुरू हुआ। परिवार की महिलाओं ने स्टाफ को इसकी जानकारी दी उन्होंने सुनी अनसुनी कर दी। इस बीच वह शौचालय गई जहां प्रसव हो गया। सरवन ने इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
अब कोई देर से लेकर आए और बाहर प्रसव हो जाए तो डॉक्टर या स्टाफ की क्या गलती हो सकती है। वैसे लापरवाही जैसी कोई शिकायत मुझे नहीं मिली है मै डाक्टर से पता कर लूंगी क्या हुआ।
- डॉ. सरोज श्रीवास्तव सीएमएस