पंचायत की खुली बैठक में संघर्ष
उन्नाव, जागरण संवाददाता : विकास खंड सफीपुर के शाहपुर गांव में गुरुवार को कोटा चयन के लिए बुलाई गई खु
उन्नाव, जागरण संवाददाता : विकास खंड सफीपुर के शाहपुर गांव में गुरुवार को कोटा चयन के लिए बुलाई गई खुली बैठक में दो पक्षों के बीच विवाद हो गया। जमकर ईंट पत्थर व लाठी डंडे चले जिसके चलते दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। खंड विकास अधिकारी व उनके साथ रहे कर्मचारियों ने कमरे में कैद होकर किसी तरह जान बचाई।
शाहपुर ग्राम पंचायत में पापरि गांव में सरकारी सस्ता गल्ला की दुकान थी। इसकी गांव के लोगों ने डीएम से शिकायत की जिसके बाद ग्राम पंचायत शाहपुर में नई दुकान को मंजूरी दी। कई माह से चयन टलने पर डीएम के नाराजगी जताने पर खंड विकास अधिकारी पीके ¨सह ने गुरुवार को खुली बैठक बुलाई थी। आज बीडीओ मातहत अफसरों के साथ बैठक में शामिल होने के लिए प्राथमिक विद्यालय शाहपुर पहुंचे। जहां आवेदक गुड्डी निवासी शाहपुर व सुशीला निवासी मलहदखेड़ा के पक्ष में ग्रामीण इकठ्ठा होने लगे। 11 बजे शुरू होने वाली बैठक में मलहदखेड़ा गांव के हीरालाल ने अनुरोध किया कि उनके गांव के लोग दूर होने के कारण आ नहीं पाए लिहाजा समय बढ़ा दिया जाए। इस पर बैठक का समय एक घंटा बढ़ा दिया गया। इस बीच मलहदखेड़ा के ग्रामीण ट्रैक्टर से आ गए जिन्हें अपने अपने खेमे में बैठाने के लिए शुरू हुई तकरार मारपीट में बदल गई। देलाठी डंडा और ईट पत्थर चलने लगे। मारपीट में मलहदखेड़ा गांव की राजरानी पत्नी हुलासी, नन्ही पत्नी मंगलू, मुई पत्नी भैयालाल, रामरानी पत्नी महेंद्र, हीरालाल पुत्र गिरधारी, उसकी पत्नी चम्पा रविशंकर पुत्र रज्जन, ¨पटू पुत्र रमेश और शाहपुर के अरविन्द पुत्र गजराज, शिव¨सह व हरिपाल पुत्रगण सूबेदार, शिवदेवी पत्नी धनीराम, सरला पत्नी रामपाल आदि घायल हो गए।
मारपीट के दौरान बीडीओ सहित विकास खंड कर्मियों से भी धक्का मुक्की होने लगी जिन्होंने जान बचाने के लिए मेज कुर्सियों का सहारा लेते हुए स्कूल के कमरे में अपने को कैद कर सुरक्षित किया और किसी तरह मौका पाकर वहां से भाग निकले। इस बीच कई बार पुलिस को फोन मिलाया पर पुलिस घंटों बाद तक नहीं पहुंची। बीडीओ पीके ¨सह ने बताया उनकी सूचना के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था हेतु पुलिस नहीं पहुंची। शांति पूर्ण ढंग से चल रही बैठक में अराजकतत्वों ने व्यवधान डाला जिसका वीडियो बनाकर पुलिस को भेजा गया है। कार्यवाहक प्रभारी निरीक्षक रणजीत ¨सह भदौरिया ने कहा कि सुरक्षा बल जिला मुख्यालय पर अतिक्रमण हटाओ अभियान में चला गया था जिसके चलते बैठक में पुलिस नहीं पहुंच सकी। दोनों पक्षों की तहरीर आई है जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।