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अधिकारों के लिए राजनैतिक शक्ति बनें मजदूर

उन्नाव, जागरण संवाददाता : श्रमिक दिवस के अवसर पर औद्योगिक मजदूरों व कर्मचारी संगठनों के सदस्यों की ए

By Edited By: Published: Sun, 01 May 2016 09:03 PM (IST)Updated: Sun, 01 May 2016 09:03 PM (IST)
अधिकारों के लिए राजनैतिक शक्ति बनें मजदूर

उन्नाव, जागरण संवाददाता : श्रमिक दिवस के अवसर पर औद्योगिक मजदूरों व कर्मचारी संगठनों के सदस्यों की एक आम सभा कलेक्ट्रेट के निकट स्थित झाड़ी बाबा मैदान में हुई। सभा में वक्ताओं ने मजदूरों की दशा पर विचार व्यक्त करते हुए व्यवस्था को कोसा और हक पाने के लिए राजनैतिक ताकत बनकर उभरने का दम भरा गया।

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सभा को संबोधित करते हुए बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष अखिलेश तिवारी ने कहा कि देश के लाखों परियोजना कर्मचारी बिना किसी सामाजिक सुरक्षा के साथ सरकारों की पूंजीवादी नीतियों के कारण अत्याचार का शिकार हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे द्वारा देश की अर्थनीति और राजनीति पर निगाह हटाने का परिणाम है। उन्होंने कहा कि मजदूर वर्ग को एक जुट होकर देश की अर्थनीति और राजनीति पर निगाह रखने की जरूरत है। उन्होंने औद्योगिक श्रमिकों की बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि जनपद में लाखों औद्योगिक मजदूरों की संख्या के बावजूद एक भी कर्मचारी भविष्य निधि से संचालित अस्पताल का न होना दुखद और ¨नदनीय है।

लेदर एंड टेनरी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष विनोद भल्ला ने कहा कि अच्छे दिनों का वादा करने वाली सरकार की पार्टी की ही राजस्थान सरकार द्वारा 400 श्रमिकों से कम संख्या वाले कारखानों पर श्रम कानूनों से छूट उसकी श्रमिक विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने श्रमिकों से राजनैतिक शक्ति बनने का आह्वान किया। वरिष्ठ शिक्षक नेता कमलेश नाथ अवस्थी ने कहा कि नौकरशाहों के भ्रष्टाचार व लापरवाही के चलते जनपद के मनरेगा मजदूरों का लाखों रुपया फंसा पड़ा है। उन्होंने कहा कि कामगार वर्ग को एक बार फिर पहले की तरह वास्तविक ईमानदार नेतृत्व की आवश्यकता है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलामंत्री फारुक मोहम्मद खान ने कहा कि कर्मचारी वर्ग बुरी तरह से शोषण का शिकार है। उनके अंदर राजनैतिक चेतना की कमी के चलते वह पहले संविदा और अब निविदा कर्मचारी में बदलता चला जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता संजय कुमार ने कहा कि देश में स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं के निजीकरण के कारण मजदूर वर्ग की हालत बदतर होती जा रही है। उन्होंने सरकार की निजीकरण एवं कंपनीकरण की नीति के खिलाफ संघर्ष का आह्वान किया। आम सभा में प्रमुख रूप से रमाकांत तिवारी, रामचंद्र, दीपक त्रिपाठी, कल्लू, मंजूर अहमद, अनिल शर्मा, सतीश कुमार सोनी, यादवेंद्र ¨सह, आकाश निगम, मकबूल अहमद, संदीप शर्मा आदि मौजूद रहे।


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