डायरिया ने ली दो की जान, 50 बीमार
सुमेरपुर संवाद सूत्र : ब्लाक सुमेरपुर के ग्राम लालाखेड़ा मजरे सिरियापुर में घर-घर लोग डायरिया से पीड़ि
सुमेरपुर संवाद सूत्र : ब्लाक सुमेरपुर के ग्राम लालाखेड़ा मजरे सिरियापुर में घर-घर लोग डायरिया से पीड़ित हैं। माना जा रहा है हैंडपंप का दूषित पानी पीने से डायरिया फैला। डायरिया पीड़ितों में एक वृद्धा और एक बालिका की मौत हो गई। लगभग 50 लोग उल्टी-दस्त से पीड़ित हैं। अधिकतर गंभीर बीमार पड़ोस के जनपद रायबरेली के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। डायरिया से दो लोगों की मौत हो जाने पर स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया। डॉक्टरों की टीम गांव पहुंची डायरिया रोगियों की तलाश कर उपचार शुरू किया। गांव वालों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग ने यही सक्रियता दो दिन पूर्व दिखाई होती तो शायद दो लोगों की जान न जाती।
तहसील बीघापुर व पीएचसी सुमेरपुर के गांव लालाखेड़ा (सिरियापुर) उन्नाव-रायबरेली सीमा पर लोन नदी के किनारे है। करीब 1 हजार आबादी वाले गांव में 75 घर हैं। डायरिया का प्रकोप कई दिनों से है। तीन दिन में हालत यह हो गयी कि हर दूसरे घर में उल्टी दस्त के रोगी हो गए। शनिवार को दर्जनों लोग उल्टी-दस्त से पीड़ित हो गए। डायरिया की चपेट मे आने से श्रीपाल की पत्नी अंगाना (60) व रामकेशन की पुत्री प्रियांशी (6) ने दम तोड़ दिया। श्रीपाल की हालत भी नाजुक है। उनका इलाज रायबरेली के जिला अस्पताल मे चल रहा है। अंगाना के पुत्र रजनीश व हनुमान एवं बहू सुरेखा व सीमा भी डायरिया की चपेट में हैं । मृतका प्रियांशी का भाई देवराज (4) भी बीमार है। इनके अलावा करीब 50 महिला, पुरुष व बच्चे भी डायरिया से पीड़ित हैं।
डायरिया पीड़ित अधिकतर गंभीर रोगी रायबरेली जनपद के महारानीगंज, सेमरी स्वास्थ्य केंद्रों व जिला अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। डायरिया पीड़ित रोगियों ने बताया की पहले पेट दर्द होता है उसके बाद उल्टी-दस्त शुरू हो जाता है। लालाखेड़ा गांव में डायरिया फैलने और दो लोगों की मौत होने के बाद हरकत में आए स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को डा. सुशील वर्मा के नेतृत्व में टीम भेजी। डाक्टरों की टीम ने गांव पहुंच घर-घर भ्रमण कर डायरिया रोगियों को चिन्हित कर वहीं उनका उपचार शुरू किया। देर शाम तक टीम गांव में डेरा जमाए थी।
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हैंडपंप का दूषित पानी बना जानलेवा
डायरिया फैलने का मुख्य कारण जो सामने आया वह दूषित पानी का है। रोगियों से जानकारी करने और हैंडपंप का पानी देखने के बाद डाक्टर ने भी इस संभावना पर सहमति की मुहर लगाई। इस गांव मे 7 इंडिया मार्का हैंडपंप लगे हैं। जिनमें 1 हैंडपंप जो रामकुमार के दरवाजे लगा है उसी मे पानी ठीक है पूरे गांव के लोग इसी हैंडपंप से पानी लाते है इस हैंडपंप का पानी भी कुछ बदबू देने लगा है। शेष सभी हैंडपंपों का पानी खारा है। उसमें अत्यधिक फ्लोराइड है इससे लोग उनका पानी हलक के नीचे नहीं उतार पाते हैं। फ्लोराइड की समस्या और शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बजौरा की पानी की टंकी से सिरियापुर व लालाखेड़ा को पेयजल आपूर्ति होती थी। लगभग 6 माह पूर्व पाइप लाइन ध्वस्त हो गयी थी इससे टंकी से पानी की आपूर्ति बंद कर दी गयी थी। जिससे मजबूर होकर ग्रामीणों को हैंडपंप से ही पानी पीना पड़ता है। ग्राम प्रधान राम प्रसाद लोधी ने बताया की काई बार जल निगम के अधिकारियों से व लगाकर तहसील दिवस तक मे पाइप लाइन ठीक कराये जाने की मांग की पर आज तक इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया और दूषित पानी पीने के कारण पूरे गांव मे डायरिया फैल गयी जिसने दो लोगों की जान ले ली।
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स्वास्थ्य विभाग चेत जाता तो न होती भयावह स्थिति
डायरिया के फैलने से पूरे गांव मे दहशत का माहौल साफ दिखाई पड़ रहा था। गांव में सन्नाटा छाया हुआ था बहुत से घरों मे ताला लगे हुये थे। गांव के लोग ने बताया की जो घर बंद है उनके परिजन इलाज करने के लिए गए हुये हैं। ग्रामीणों ने खुला आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग को दो दिन पूर्व डायरिया फैलने की सूचना दी थी पर स्वास्थ्य विभाग हरकत में नहीं आया। उनका कहना था कि आशा बहू और एएनएम ने भी कोई कारगर प्रयास नहीं किया।