हुनर को बना लिया अपना हथियार
उन्नाव, जागरण संवाददाता: 24 साल पहले हाईस्कूल की परीक्षा के बाद मिली गर्मी की छुट्टी में जरदोजी कढ़
उन्नाव, जागरण संवाददाता: 24 साल पहले हाईस्कूल की परीक्षा के बाद मिली गर्मी की छुट्टी में जरदोजी कढ़ाई का प्रशिक्षण लेने वाली जाहिरा आपा ने इसे जीवन में ऐसा उतारा कि सब कुछ बदल दिया। परंपरा और सामाजिक बंधनों को भूल घर की दहलीज से बाहर निकली और हुनर को एक लक्ष्य बनाकर महिलाओं का अबला से सबला बनाने की ठान ली। पढ़ाई के साथ साथ जाहिरा ने गांव की महिलाओं को अपने हुनर के जादू से आत्म निर्भर बनाने का जोश भरा और कुछ कर गुजरने का जज्बा पैदा किया। तीन महीने के प्रशिक्षण के बाद उन्हीं महिलाओं को अनुभव को जीवन में उतार कर खुद का काम करने के लिए प्रेरित किया। महिलाएं भी उसके इसे हौसले को देखने के बाद उसके कंधे से कंधा मिलाकर कढ़ाई आदि का काम करने लगीं।
महिलाओं के कपड़ों पर सुंदर नक्काशी भरी कढ़ाई कर तैयार किए गए कपड़ों को जाहिरा ने ही बाजार में बेचने का जिम्मा लिया लेकिन बाजार में उनकी च्च्छी कीमत नहीं मिली। इससे महिलाओं की हिम्मत जवाब देने लगी। महिलाओं का अपना घर परिवार व काम को इबादत मान चुकी जाहिरा आपा ने उन सभी में हौसला भरा और असफलता को सीख मान फिर से वक्त से लड़ने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद सभी की सहमति से माल बेचने को जाहिरा ने एक बुटीक की स्थापना की। इसमें जरी जरदोजी जैसी तमाम हस्तकला से तैयार कपड़ों की वहीं से बिक्री शुरू की। इससे महिलाओं को उनकी मेहनत का सही मुनाफा भी हाथ आने लगा। 18 वर्ष की कड़ी मेहनत से काम कर रही जाहिरा की ईमानदारी और मेहनत का ही फल है कि आज उसके साथ काम सीखने और सीख कर अपना कारोबार करने वाली 15 सौ से अधिक महिलाएं जुड़ चुकी हैं। खुद में आत्म निर्भर हुई यह महिलाएं जाति धर्म की आवाज नहीं बल्कि जाहिरा की एक आवाज पर सामने आ जाती हैं। हों भी क्यों न नारी शक्ति का एक अनूठा नाम जो हैं जाहिरा। उनके इसी हौसले के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें 27 जुलाई को नारी शक्ति व सुरक्षा के लिए सम्मानित किया। आज जाहिरा और उसके संगठन की महिलाओं द्वारा तैयार कपड़ों की पूरे देश में च्च्छी खासी मांग है।