बीस वर्ष से प्यासा स्वास्थ्य केंद्र
पुरवा, संवाद सहयोगी: सरकारी धन का अपव्यय कैसे किया जाता है यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में खड़ी पान
पुरवा, संवाद सहयोगी: सरकारी धन का अपव्यय कैसे किया जाता है यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में खड़ी पानी की टंकी को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। इसमें लाखों रुपये खर्च होने के बाद मात्र एक माह ही पेयजल आपूर्ति हो सकी है। बीस वर्षों के सफर में आज तक न तो टंकी बनवाई जा सकी और न ही किसी दोषी पर कार्रवाई हो सकी है।
वर्ष 1995 में तहसील मुख्यालय पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों और तीमारदारों की प्यास बुझाने के लिए पानी की टंकी बनवाई गयी थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने इसका लोकर्पण कर आपूर्ति जारी करवाई थी, लेकिन मात्र एक महीने बाद पानी की टंकी से आपूर्ति ऐसी बाधित हुयी कि बीस वर्षों का लंबा समय बीत जाने के बाद भी आज तक शुरू न हो सकी। कई बार पानी की समस्या को लेकर प्रभारी चिकित्साधिकारियों ने संबंधित विभाग से पत्राचार किया ¨कतु कार्यवाही नहीं हो सकी और लाखों का धन पानी में बह गया। इस संबंध में क्षेत्र के सभासद वेद प्रकाश त्रिवेदी बताते हैं कि शोपीस बनी टंकी को चालू करवाने के लिए तहसील दिवसों से लेकर सक्षम अधिकारियों तक से बात की गयी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। मात्र एक माह ही पानी निकलने की दशा में लाखो रुपया खर्चकर दिया इसकी कभी जांच नहीं हो सकी। इस संबंध में प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. रजनीश यादव ने बताया कि पानी की टंकी की समस्या से वह वाकिफ हैं, शीघ्र ही वह संबंधित विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के उच्च्चाधिकारियों को लिखित रूप से शिकायत कर समस्या का निस्तारण कराने का प्रयास करेंगे। गौरतलब है कि अस्पताल में पानी की टंकी फेल होने की वजह से हैंडपंपों से मरीज पानी पीते हैं। इसमें भी फ्लोराइड की शिकायत है। इसी के कारण इसके पूर्व के चिकित्सा प्रभारियों ने कई बार विभाग से शिकायत दर्ज करायी लेकिन आज तक कार्यवाही नहीं हो सकी है।