आपरेशन टेबल पर जच्चा-बच्चा की मौत
सफीपुर, संवाद सहयोगी : कोतवाली क्षेत्र में पेट्रोल पंप के सामने स्थित एक निजी अस्पताल में प्रसव के ल
सफीपुर, संवाद सहयोगी : कोतवाली क्षेत्र में पेट्रोल पंप के सामने स्थित एक निजी अस्पताल में प्रसव के लिए हुए आपरेशन के दौरान टेबल पर ही जच्चा बच्चा की मौत हो गई। घटना के बाद डाक्टर और दूसरे स्टाफ पीछे के रास्ते से गाड़ी छोड़कर भाग निकले। रातभर घटना से बेखबर मृतका के परिजनों को अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों ने हालत गंभीर होने की सूचना देते हुए कानपुर ले जाने की सलाह दी। परिजन आनन फानन दोनों को कानपुर के लिए निकल पड़े। रास्ते में उन्हें प्रसूता और बच्चे की मौत होने की जानकारी मिली तो वह सभी वापस लौटे और शव को अस्पताल गेट पर ही रख हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठी चला उन्हें इधर उधर किया और शव को उठा ले गई। पुलिस ने अस्पताल के दो स्वास्थ्य कर्मियों को हिरासत में ले लिया।
सफीपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव हमजापुर गांव निवासी राम¨सह की पत्नी सीमा 22 शुक्रवार को प्रसव पीड़ा से ग्रसित थी। उसने सफीपुर निवासी लीला के माध्यम से पेट्रोल पंप के सामने स्थित एक हास्पिटल में भर्ती हुई। जहां शाम उन्नाव से किसी डाक्टर को बुलाकर रात नौ बजे परिजनों को यह बताते हुए सीजर आपेशन करने की बात कही कि प्रसव में समस्या है आपरेशन ही एक विकल्प है। रात 11 बजे आपरेशन करने के बाद डाक्टर अपनी गाड़ी वहीं पर छोड कर पीछे के रास्ते से निकल गए। अस्पताल में मौजूद दूसरे स्वास्थ्य कर्मी यह कहते रहे कि अभी जच्चा बच्चा की हालत गंभीर है इससे उन्हें अंदर ही रखा गया है। भोर पहर स्वास्थ्य कर्मियों ने राम ¨सह को बताया कि दोनों की हालत में सुधार नहीं हो रहा है। उन्हें कानपुर लेकर जाना होगा। यह सुनते ही परिजनों ने आनन फानन वाहन का प्रबंध किया और दोनों को कानपुर लेकर रवाना हुए। रास्ते में उन्हें सीमा और उसके बच्चे की मौत होने का अहसास हुआ। इसपर वह शव लेकर वापस लौट आए और शव अस्पताल गेट पर रख दिया।
इधर घटना की सूचना मिलते ही हमजापुर गांव से सैकड़ों की संख्या में लोग अस्पताल पहुंच गए। जहां सभी ने जमकर हंगामा करना शुरू किया। इसकी सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। जाम प्रदर्शन की संभावना को देखते हुए पुलिस ने भीड़ पर लाठी चलाना शुरू किया। इससे सभी वहां से भागे और पुलिस शव को गाड़ी पर रखकर ले आई। इसे लेकर परिजन हो हल्ला मचाने लगे थे।
दो कर्मचारियों को लिया हिरासत में
कोतवाली पुलिस ने हंगामे को देखते हुए वहां पर मौजूद अस्पताल के कर्मचारियों में राघवेंद्र पुत्र सत्य नारायण निवासी राजेपुर फतेहपुर चौरासी व सैफ अली पुत्र सज्जब अली निवासी लाल बंगला चकेरी कानपुर को हिरासत में ले लिया और कोतवाली ले आयी। दोनों घटना की जानकारी होने से इन्कार करते हुए खुद को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी होना बताया। कोतवाल एके राय ने कहा कि दोनों से पूछताछ की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा।
पति ने एजेंट समेत छह के विरुद्ध दर्ज कराया मुकदमा
घटना को लेकर ग्रामीणों में फैले आक्रोश को देखते हुए कोतवाली पुलिस ने मृतका के पति की तरफ से अस्पताल की एजेंट लीलावती निवासी सफीपुर व 5-6 अज्ञात लोगों के विरुद्ध इलाज में जान बूझकर लापरवाही से मौत होने की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
कानपुर के किसी वरिष्ठ चिकित्सक का है अस्पताल
बताते हैं कि हास्पिटल जो कि लगभग 5 माह पहले ही खुला है। उसका संचालन कानपुर निवासी किसी सेवानिवृत्त चिकित्सक द्वारा किया जा रहा है। अस्पताल में वैसे तो संसाधन के नाम पर आधी अधूरी सुविधाओं के अलावा इमरजेंसी के समय देखने के लिए कोई डाक्टर व प्रशिक्षित स्टाफ नहीं मिलता। बल्कि सब कुछ जुगाड़ के सहारे संचालित किया जाता है। इसी कारण संचालक कमाई के चक्कर में गंभीर से गंभीर रोगियों को भी अस्पताल में रोक कर उनकी जान के साथ खेलने से नहीं चूकते हैं।