शादी व बीमारी अनुदान के लिए भटकते रहे आवेदक
उन्नाव, जागरण संवाददाता : सामाजिक सरोकार से जुड़ी योजनाओं से आम लोगों को लाभांवित करने के लिए सरकार क
उन्नाव, जागरण संवाददाता : सामाजिक सरोकार से जुड़ी योजनाओं से आम लोगों को लाभांवित करने के लिए सरकार का जोर रहा। इसमें समाजवादी पेंशन का लाभ सभी को देने की सरकार की मंशा को पूरा करने में अधिकारी दिन रात एक किए रहे और नतीजा निकला कि लगभग 90 प्रतिशत पात्रों के खातों में समाजवादी पेंशन योजना का धन वित्तीय वर्ष समाप्त होने के एक दिन पूर्व 30 मार्च तक पहुंच चुका था। लगभग 7 हजार पात्रों को पेंशन मिलना शेष था। इसके विपरीत शादी और बीमारी अनुदान पाने के लिए आवेदक पूरे वर्ष भटकते रहे। वित्तीय वर्ष समाप्त होने के एक दिन पूर्व तक बजट न मिलने से एक भी आवेदक को इसका लाभ नहीं मिला था।
वित्तीय वर्ष 2014-2015 में समाजवादी पेंशन का लाभ देने के लिए 55594 पात्राों का चयन किया गया था। इसके सापेक्ष 30 मार्च तक 48510 पात्रों को 6000 रुपया प्रति लाभार्थी की दर से भुगतान कर दिया गया है। शेष के खाते में वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन पेंशन का धन खातों मे भेजने की कार्रवाई चालू होना बताया गया।
वृद्धावस्था पेंशन के 103901 लाभार्थियों में से 98799 लाभार्थियों को पेंशन दे दिए जाने का दावा किया गया है। 5102 बुजुर्ग पेंशन पाने के लिए राह तक रहे हैं। वृद्धावस्था पेंशन योजना में 35 करोड़ 56 लाख 76 हजार रुपया का बजट मिला है। पारिवारिक लाभ योजना के तहत जिले को 2875 लोगों में 7 करोड़ 24 लाख रुपया वितरित किया गया है। लगभग तीन सौ आवेदकों को अभी भी इस योजना का लाभ पाने के लिए बजट का इंतजार करना पड़ रहा है। वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन तक जहां विभिन्न पेंशन योजनाओं के चयनित हजारों लाभार्थी बजट की राह तकते रहे।
छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति में दशमोत्तर अनुसूचित वर्ग के 14898, सामान्य 12475, अल्पसंख्यक वर्ग के 2582 और पिछड़ा वर्ग के 22658 छात्र-छात्राओं को शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति का वितरण किया गया है। पेंशन के लिए भले ही धन की कमी के चलते हजारों लाभार्थी अंतिम दिन तक बजट मिलने की प्रत्याशा में आस लगाए रहे हों पर कब्रिस्तान आदि वक्फ की संपत्तियों पर चहारदीवारी के निर्माण पर 187.87 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।
इनका रहा बुरा हाल
बजट के अभाव में शादी और बीमारी अनुदान के लिए आवेदन करने वालों को बजट के अभाव में पूरे वर्ष योजना का लाभ पाने के लिए समाज कल्याण विभाग कार्यालय के चक्कर काटते रहना पड़ा। शादी अनुदान के लिए सामान्य वर्ग के 245 तथा अनुसूचित वर्ग के 1821 आवेदन पत्र आए थे। बीमारी अनुदान के लिए दोनों वर्गों के लगभग 18 प्रार्थनापत्र आए थे। इन आवेदकों को योजना का लाभ पाने के लिए विभाग के चक्कर काटते वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन आ गया। लेकिन शादी बीमारी अनुदान के लिए बजट ही आवंटित नहीं किया गया। यहां उल्लेखनीय है कि शादी अनुदान योजना के तहत पहले 20 हजार और अब 30 हजार रुपये का अनुदान मिलता है।
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जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि अभी लाभार्थियों के खाते में राज्य निदेशालय से धन ट्रांसफर करने की कार्रवाई चल रही है। इससे कितने लोगों को विभाग से संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ और उस पर कितना धन खर्च हुआ है इसका सही आंकड़ा तो राज्य निदेशालय से रिपोर्ट मिलने के बाद ही देना संभव है। उनका कहना था कि जो आंकड़े हैं वह 30 मार्च तक के हैं आज अंतिम दिन भी धन ट्रांसफर किया गया है जिसकी रिपोर्ट आना शेष है।
- राजा ¨सह सामाज कल्याण अधिकारी