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दावे बड़े पर हकीकत में कुछ भी नहीं

नवाबगंज, संवादसूत्र: राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण पर टोल टैक्स के एवज में उसपर सफर करने वालों

By Edited By: Published: Fri, 30 Jan 2015 10:21 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jan 2015 10:21 PM (IST)

नवाबगंज, संवादसूत्र: राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण पर टोल टैक्स के एवज में उसपर सफर करने वालों को नागरिक सुविधाओं का विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इनमें गुड्ढा मुक्त सड़क के साथ पानी, चिकित्सा, शौचालय, एंबुलेंस एवं क्रेन आदि की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन इनमें से अधिकांश सुविधाएं टोल प्लाजा से नदारद हैं। राजमार्ग पर खराब खड़े वाहनों से मार्ग दुर्घटनाएं हो रही हैं। मार्ग पर दौड़ने वाले वाहन कर अदा करने के बाद भी सुविधाओं से वंचित हैं। दूसरी तरफ इसकी व्यवस्था करने वाले लोग इससे मुंह फेरे रहता है। राजमार्ग पर मिलने वाली सुविधाएं और हकीकत का खुलासा जनसूचना अधिकार अधिनियम में मिले उत्तर के बाद हुआ।

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एनएचएआई के सुविधाओं वाले दावे

सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गयी एक सूचना में दी गयी जानकारी में इसका खुलासा हुआ कि एनएच-25 पर वाहनों से वसूले जाने वाले टोल टैक्स के एवज में गड्ढा मुक्त फोरलेन, नि:शुल्क एंबुलेंस, नि:शुल्क क्रेन, पेट्रो¨लग वाहन, टोल प्लाजा पर ठंडे पानी की आदि की व्यवस्था, शौचालय एवं नि:शुल्क प्राथमिक उपचार की सुविधाएं दी जा रही हैं। सूचना अधिकार में मिली सूचनाओं की मानी जाए तो एनएच -25 के बीच 20किमी. भाग की मरम्मत 2013-14 में करायी गई लेकिन यह भाग कौन सा था इसी जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गई। इतना ही नहीं राजमार्ग पर किसी वाहन के खराब होने पर उसे तत्काल क्रेन से हटाने या फिर सेफ्टी कैप लगाकर हादसों से बचाने के इंतजाम किए जा रहे हैं।

हाईवे पर हकीकत में कुछ भी नहीं

यह सब तो राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के नियम है, लेकिन लखनऊ कानपुर के लगभग 89 किमी. क्षेत्र की हकीकत इन दावों के ठीक विपरीत है। लगभग पूरा राजमार्ग गड्ढों पर हिचकोले खाते ही गुजरता है। इसमें खासकर कानपुर से लखनऊ की तरफ जाने वाले वाहन सवारों का पूरा सफर इन गड्ढों पर ब्रेक लेते ही बीतता है। इसी प्रकार क्रेन, एंबुलेंस, स्वास्थ्य सेवा, पानी, शौचालय समेत अन्य सभी सुविधाएं नदारत हैं। खराब खड़े वाहन हटाने के लिए कोई क्रेन नहीं आती। ऐसे वाहन तब तक खड़े रहते है जबतक उसका ड्राईवर खुद लखनऊ कानुपर या फिर उन्नाव से मिस्त्री लाकर उनकी मरम्मत कर स्वयं नहीं हटवाता है। अबतक आंकड़ों पर नजर डाले तो आधा सैकड़ा मार्ग दुर्घटनाएं ऐसी हैं। इनमें खराब खड़े वाहनों से रात्रि में टकराकर वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। उनमें सवार राहगीर साथ ही दर्जन भर से ज्यादा लोग मार्ग दुघर्टना में असमय मौत का शिकार हो चुके है।

बीस किमी सड़क की मरम्मत का पता नहीं

सूचना के अधिकार के तहत मिली सूचना के अनुसार लखनऊ कानपुर राजमार्ग के 20 किमी भाग की मरम्मत करायी गई है। लेकिन यह भाग कौन सा है सकी जानकारी न तो दी गई सूचना में मिल रहा है और न ही धरातल पर ही ऐसा कुछ नजर आ रहा है।


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