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लापरवाही की ईट-मिंट्टी में दफन हुई समय सीमा

जागरण अभियान का लोगो.. .कानपुर-लखनऊ राजमार्ग -18 माह में बनने वाला पुल साढ़े चार साल बाद भी अधूर

By Edited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 09:09 PM (IST)Updated: Thu, 18 Dec 2014 09:09 PM (IST)

जागरण अभियान का लोगो..

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.कानपुर-लखनऊ राजमार्ग

-18 माह में बनने वाला पुल साढ़े चार साल बाद भी अधूरा

-शुरू से आधी अधूरी व्यवस्था के साथ हुआ काम शुरू

उन्नाव, जागरण संवाददाता : कानपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनने वाले आरओबी के निर्माण में लापरवाही और मनमानी की सारी सीमाएं पार हो गई। हकीकत यह है कि निर्माण में लगी कंपनी के काम में भी तेजी तभी आती है जब शासन प्रशासन की तरफ से उस पर कोई दबाव पड़ता है। इसी मनमानी के कारण 18 माह में बनने वाला पुल साढ़े चार साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी अधूरा है।

वर्ष 2010 के अप्रैल मई माह में शुरू हुआ रायबरेली रेलवे क्रा¨सग पर आरओबी बनने का काम शुरुआती दौर से निर्माण कंपनी की लापरवाही के कारण आज तक रफ्तार नहीं पकड़ सका। निर्धारित समय सीमा गुजरने के बाद भी पुल का काम पूरा नहीं हुआ। इस कारण लोगों को आ रही समस्या के मद्देनजर दैनिक जागरण ने अभियान चलाया। इसकी गूंज 25 मार्च 2013 को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास बंदनपुरवा की जनसभा में पहुंची। मुख्यमंत्री ने तत्कालीन जिलाधिकारी को मिट्टी का प्रबंध करने के आदेश दिए। उसी के बाद जिला प्रशासन ने निर्माण कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए भूमि अभिलेखों के आधार पर मिट्टी का प्रबंध किया और छह माह का समय पुल पूरा करने के लिए दिया।

इसके बाद काम जो शुरू हुआ वह आज तक पूरा नहीं हो सका। खास बात यह है कि इसके बाद से काम पूरा करने के लिए तारीख पर तारीख दी जा रही और निर्माण कंपनी उस समय सीमा को दरकिनार करते हुए अपनी सुस्त रफ्तार से काम में लगी है।

कब आयी काम में तेजी, क्या आए परिणाम

साढ़े चार साल से चल रहे लगभग एक किमी लंबे आरओबी के निर्माण में अंतिम बार दैनिक जागरण द्वारा अगस्त 2014 में चलाए गए अभियान के बाद तेजी आयी। इसी के बाद लोक निर्माण मंत्री शिवपाल ¨सह यादव ने 25 अगस्त तक लखनऊ से कानपुर की और 15 सितंबर तक कानपुर से लखनऊ साइड की सर्विस लेन शुरू करने और 15 दिसंबर तक आरओबी निर्माण पूरा करने का समय निर्धारित किया। तय समय पर काम पूरा न होने पर निर्माण कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए। इसमें पुल को पूरा करने की अंतिम चुनौती जल्द पूरी होती नजर नहीं आ रही है। यह तेजी भी तब आयी जब प्रमुख सचिव लोनिवि रजनीश दुबे ने इसकी खुद मानीट¨रग की। डीएम ने प्रत्येक सप्ताह काम की समीक्षा के साथ नियमित वीडियोग्राफी भी करायी।


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