देश के मानचित्र में उन्नाव का अलग मुकाम
उन्नाव : देश के मानचित्र में उन्नाव का साहित्यिक, अध्यात्मिक व राजनीतिक क्षेत्र में एक अलग मुकाम है
उन्नाव : देश के मानचित्र में उन्नाव का साहित्यिक, अध्यात्मिक व राजनीतिक क्षेत्र में एक अलग मुकाम है। इस धरती पर आने की बहुत दिनों से हसरत थी जो यहां आकर पूरी हो गई। उक्त विचार केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग के कमिश्नर अख्तारुल वसी ने व्यक्त किए। वह बांगरमऊ में मंगलवार अपराह्न पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्नाव गंगा जमुनी संस्कृत का प्रतीक है। स्वतंत्रता के आंदोलन में यहां के कलमकारों ने आजादी की अलख जगाई। यहां आने पर चंद्रशेखर आजाद, हसरत मोहानी व महाप्राण निराला और विश्वंभर दयालु त्रिपाठी तथा उमाशंकर दीक्षित की याद ताजी हो जाती है।
वह बांगरमऊ में जामिया मिलिया कालेज दिल्ली के प्रोफेसर शकील अहमद के निकाह में भाग लेने आए थे। पत्रकार वार्ता का आयोजन बसपा नेता इजहार खां गुड्डू के आवास पर हुआ। वार्ता के दौरान सभासद राशिद हुसैन, इस्माइल, अनवर कुरैशी, खलील अहमद व कादिर आदि उपस्थित रहे।